वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है। अक्षय यानी कभी खत्म ना होने वाला। ऐसे में इस दिन सोना-चांदी व अन्य वस्तुए खरीदना, दान करना आदि करना शुभ माना जाता है। खरीददारी करने से घर में उस चीज की कभी कमी नहीं होती है। वहीं दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। जीवन की समस्याें दूर होकर घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। मान्यता है कि इस दिन कुछ खास उपाय करने से अक्षय फल मिलता है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ
इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के श्रीहरि की कृपा मिलती है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाकर। विधि विधान से पूजा करें। उनके सामने घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे जीवन की सभी समस्याएं दूर होकर घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहेगी।
कनकधारा स्त्रोत का पाठ
अक्षय तृतीया पर देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन कनकधारा स्त्रोत का पाठ करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
परशुराम और हयग्रीव की करें पूजा
कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर श्रीहरि के 3 प्रमुख अवतारों परशुराम, हयग्रीव और नर-नारायण का जन्म हुआ था। इसलिए अक्षय तृतीया को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ परशुराम और हयग्रीव की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। इन्हें ककड़ी और भीगे चने चढ़ाएं। साथ ही अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें।
जौ का उपाय
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। मगर आप चाहे तो जौ खरीद सकते हैंं। फिर जौ को 3 भागों में बांट दें। इसका एक भाग दान करें। दूसरा भाग बो दें और तीसरे को पूजास्थल पर रख दें। पूजा करने के बाद इस जौ को 1 सिक्के के साथ लाल रंग के कपड़े में लपेट कर तिजोरी या अपनेे धन रखने वाली जगह पर रख दें। असल में, इसे सोने के समान माना जाता है। ऐसे में इस दिन खरीदने और दान करने से सोना दान करने के बराबर पुण्य मिलता है।
देवी लक्ष्मी को नारियल चढ़ाएं
नारियल देवी लक्ष्मी का प्रिय फल है। इसलिए इस खास दिन पर देवी मां को नारियल चढ़ाएं। पूजास्थल पर श्री यंत्र स्थापित करें। साथ ही रोजाना इसकी पूजा करें। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
इन वस्तुओं का दान करने से मिलेगा शुभफल
इश शुभ दिन पर गरीबों, बेसहारा व जरूरतमंदों को रोजाना में प्रयोग आने वाली वस्तुएं दान करें। इसमें आप कपड़े, अन्न, दक्षिणा दे सकते हैं। इसके अलावा बच्चों को पढ़ाई-लिखाई से जुड़ा सामान दान करें।