अफगानिस्तान में दो दशक तक चले युद्ध के बाद 90 प्रतिशत से भी ज्यादा अमेरिकी सैनिक घर वापिसी कर चुके हैं। जिसके बाद तालिबान ने केवल दो हफ्ते के अंदर ही पूरे अफगानिस्तान पर अपना दबदबा कायम कर लिया है। विद्रोहियों ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है और कुछ ही दिनों में सभी बड़े शहरों पर भी तालिबानियों का कब्जा हो जाएगा, क्योंकि अमेरिका और इसके सहयोगियों द्वारा प्रशिक्षित अफगान सुरक्षाबलों ने घुटने टेक दिए।
इसलिए डरी हुईं है अफगानी महिलाएं
बता दें कि जुलाई की शुरुआत में ही बदख्शां और तखर के प्रांतों पर कब्जा करने वाले तालिबान नेताओं ने स्थानीय धार्मिक नेताओं को तालिबान लड़ाकों के साथ विवाह के लिए 15 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 वर्ष से कम उम्र की विधवाओं की लिस्ट मांगी थी। अभी यह मालूम नहीं हो सका है कि उनके हुक्म की तामील हुई है या नहीं। अगर यह मांग पूरी होती है तो तालिबानी जबरन विवाह करवा महिलाओं और लड़कियों को पाकिस्तान के वजीरिस्तान ले जाएंगे और फिर से तालीम देकर प्रामाणिक इस्लाम में परिवर्तित किया जाएगा।
स्त्री-पुरुष और बच्चे सभी का एक ही सवाल, अब आगे क्या होगा?
वहीं इन डरावने हालातों के बीच स्त्री-पुरुष और बच्चे सभी भयभीत हैं और वे यही सोच रहे हैं कि आगे क्या होगा। तालिबान की बर्बरता देख चुके अफगान के स्थानीय लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। काबुल हवाईअड्डे पर देश छोड़ने के लिए उमड़ रही भारी भीड़ से यह बिलकुल स्पष्ट है कि लोग किस हद तक तालिबान से भयभीत हैं। बता दें कि कल काबुल एयरपोर्ट को भी बंद कर दिया गया था, हालांकि अब अमेरिका के 3000 सैनिकों के पहुंचने के बाद इसे फिर से खोल दिया गया है।
महिलाएं और बच्चों की सुरक्षा का खतरा सबसे ज्यादा
अफगान की महिलाएं और बच्चों की सुरक्षा का खतरा सबसे ज्यादा बना हुआ है क्योंकि वहां के अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के गिरने और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए है। तालिबान लड़ाकों के रविवार को काबुल में प्रवेश करते ही दो दशक लंबा अभियान खत्म हो गया, जिसके तहत अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने युद्धग्रस्त देश में बदलाव लाने की कोशिश की थी।
महिलाओं से शादी नहीं ब्लकि एक यौन दासता है
बता दें कि तालिबान में शामिल होने के लिए आतंकवादियों को लुभाने के लिए पत्नियों की पेशकश की जाती है जो एक रणनीती है। यह शादी नहीं ब्लकि एक यौन दासता है। शादी की आड़ में महिलाओं को यौन दासता में झोंकना युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध दोनों है। जिनेवा कन्वेंशन के अनुच्छेद 27 के अनुसार, महिलाओं को उनके सम्मान पर किसी भी हमले के खिलाफ विशेष रूप से बलात्कार, जबरन वेश्यावृत्ति, या किसी अन्य प्रकार का अभद्र व्यवहार के खिलाफ संरक्षित किया जाना चाहिए।
सबसे अधिक चिंतित महिलाएं हैं जो घरों में बंद है
वहीं दूसरी तरफ, लोगों को 1996 से 2001 के हालात दोबारा से दिखाई दे रहे हैं। पूर्व में 1996 से 2001 तक तालिबान द्वारा की गई बर्बरता की बुरी यादें अब उन्हें सता रही है। सबसे अधिक चिंतित महिलाएं हैं जिन्हें तालिबान ने विगत में घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया था।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अपने कार्यकाल में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की योजना की घोषणा की थी। वहीं, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो. बाइडन ने इस योजना को अंजाम देकर अफगान को खतरे में जाल दिया है बता दें कि जो. बाइडन ने 31 अगस्त तक अंतिम सैनिक की वापसी की समयसीमा तय कर दी।