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पीरियड्स के समय योग: राहत या समस्या?

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 02 Dec, 2024 06:09 PM
पीरियड्स के समय योग: राहत या समस्या?

नारी डेस्क: महिलाओं के जीवन का एक  इंपॉर्टेंट हिस्सा पीरियड्स होता है, और इस दौरान उनके शरीर में कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान फिजिकल एक्टिविटी से बचती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि, अगर योग सावधानी से किया जाए तो यह पीरियड्स के दौरान न केवल सुरक्षित होता है, बल्कि यह महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचा सकता है।

क्या पीरियड्स के दौरान योग सुरक्षित है?

पीरियड्स के दौरान योग करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह जरूरी है कि इसे सही तरीके से और सावधानी से किया जाए। इस समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, और कुछ महिलाएं अधिक थकान, पेट दर्द या क्रैम्प का एक्सपीरियंस करती हैं। योग कुछ नॉर्मल आसनों, जैसे बालासन, सुप्त बद्धकोणासन, और सेतुबंधासन, से इन प्रॉब्लम से राहत दिला सकता है, क्योंकि ये आसन मांसपेशियों को  ढीला  करता हैं और मेंस्ट्रुएशन को बेहतर बनाते हैं। हालांकि, फिजिकल एक्टिविटी से बचना चाहिए और अधिक थकान महसूस होने पर आराम करना बेहतर है। अगर किसी महिला को अधिक रक्तस्राव या गंभीर दर्द हो, तो योग शुरू करने से पहले डॉक्टर से पूछना सही होगा।

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पीरियड्स के दौरान योग करने के फायदे

दर्द से राहत

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अक्सर पेट में क्रैम्प, सिरदर्द, और कमर में दर्द का सामना करना पड़ता है। योग के कुछ आसन जैसे कि 'बालासन', 'सुप्त बद्धकोणासन', और 'पद्मासन' इस दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन आसनों से ब्लीडिंग बेहतर होती है, जो क्रैम्प और दर्द को कम करने में सहायक है।

तनाव और चिंता को कम करना

पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं को मूड स्विंग्स और मानसिक तनाव का सामना हो सकता है। योग प्राणायाम और ध्यान लगाने से मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। 'नदी श्वसन' (Nostril Breathing) या 'अनुलोम-विलोम' जैसे प्राणायाम तनाव को कम करने में सहायक होते हैं।

ब्लड सर्कुलेशन में सुधार

पीरियड्स के दौरान ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है, जिससे थकान और कमजोरी का अनुभव होता है। योग शरीर के कई हिस्सों में ब्लीडिंग को बढ़ाता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और थकान कम होती है।

मांसपेशियों को रिलैक्स करना

योग के आसन मांसपेशियों को ढीला करने में मदद करते हैं, जिससे पीरियड्स के दौरान होने वाली मांसपेशियों की जकड़न और क्रैम्प से राहत मिलती है। विशेष रूप से 'सेतुबंधासन' और 'पश्चिमोत्तानासन' जैसे आसन फायदेमंद होते हैं।

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हार्मोनल संतुलन में मदद

योग हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में मदद कर सकता है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं को कम कर सकता है, जैसे कि अनियमित माहवारी या अत्यधिक ब्लीडिंग।

पीरियड्स के दौरान उपयुक्त योग आसन

बालासन (Child's Pose)

यह आसन शरीर को आराम देता है और पीठ और पेट के दर्द को कम करता है। इसे करते समय शरीर को पूरी तरह से शिथिल करने पर ध्यान दें।

सुप्त बद्धकोणासन (Supta Baddha Konasana)

यह आसन कमर और पेट के तनाव को कम करता है। यह आरामदायक होता है और पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए उपयुक्त है।

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पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

यह आसन शरीर के पिछले हिस्से को खींचता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इससे पीरियड्स के दौरान होने वाली पेट की ऐंठन में राहत मिल सकती है।

सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)

यह आसन पीठ, कमर और पैरों की मांसपेशियों को आराम देता है और रक्त संचार में सुधार करता है।

अनुलोम-विलोम (Nadi Shodhana)

यह प्राणायाम मानसिक शांति और संतुलन के लिए अत्यधिक प्रभावी है, जो पीरियड्स के दौरान तनाव और घबराहट को कम करने में मदद करता है।

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पीरियड्स के दौरान योग करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी हो सकता है। 

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