नारी डेस्क: किसी ने सही कहा है कि 'जहां चाह होती है, वहां पर राह भी होती है।' झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिले की रहने वाली सविता महतो ने भी कुछ ऐसा ही किया। उनके पति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके चलते घर में हर समय पैसों की किल्लत रहती थी, पर वो निराशा नहीं हुई। उसका पति गांव के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। ऐसे में अपनी किस्मत को कोसने के बजाए सविता ने ऐसा कदम उठाया जिससे पूरे परिवार की तकदीर बदल गई।
हर दिन कर रही हैं 1000 रुपये दिन की कमाई
कुकड़ाखुपी गांव की सविता की कहानी एक ऐसी सफल महिला की कहानी है जो स्वंय सहायता समूह से जुड़कर आज रोजाना 800 से 1000 हजार रुपये कमा रही हैं। दरअसल, वो एक सिलाई मशीन और मूढ़ी बनाने की मशीन की मालकिन हैं। पति के साथ मिलकर मूढ़ी का उत्पादन कर रोजाना कमा रही हैं।
पति ट्यूशन पढ़ाकर किसी तरह कर रहे थे गुजारा
सविता का कहना है कि उनके पति प्रभात रंजन महतो पहले गांव के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर किसी तरह परिवार का गुजारा कर रहे थे। अचानक गांव में एक दिन जेएसएलपीएस की सीआरपी दीदी आईं। उन्होंने महिना समूह और सरकार का ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने राधा- कृष्ण महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने का फैसला किया। समूह से मिले ऋण से सबसे पहले तो उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी। इस सिलाई मशीन से घर पर ही कपड़े सीना शुरू कर दिया। इससे उन्हें कुछ कमाई होने लगी।
2022 में मूढ़ी बनाने की मशीन खरीदी
बस फिर क्या था? सविता ने इस मौके का फायदा उठाते हुए 2022 में सीसीएल से 1 लाख रुपये का लोन लिया और मूढ़ी बनाने की मशीन खरीद ली। इस मशीन की मदद से उन्होंने मूढ़ी बनानी शुरू कर दी। पति के साथ मिलकर वह मूढ़ी बनाती हैं और उसे पैक करके स्थानीय बाजारों में बेचती हैं। इससे सविता के घर की हालत काफी हद तक सुधर गई। जेएसएलपीएस से उन्हें कमाई की अच्छा जरिया मिल गया। अब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर है। सविता दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गईं हैं।