ओबेरॉय ग्रुप ऑफ होटल्स के चेयरमैन पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। इनके लग्जरी होटल्स का भारत की होटल इंडस्ट्री का चेहरा बदलने में एक बड़ा योगदान है। अपने पीछे इतने आलीशन होटल बिजनेस की विरासत छोड़ने वाले पृथ्वी को साल 2008 में उनकी उपल्बधियों के लिए पद्म विभूषण से भी नवाजा जा चुका है। आइए आपको बताते हैं कैसा पृथ्वी ने तय किया सफलता तक का सफर...
विदेश में होटल में सीखा काम
पृथ्वी राज सिंह का जन्म 3 फरवरी 1929 में दिल्ली में 'द ओबेरॉय ग्रुप' के फाउंडर राय बहादुर मोहन ओबेरॉय के घर हुआ था। उन्होंने अपने पढ़ाई ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड से की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वो अपने पापा के साथ होटल के काम में हाथ बंटाने यूरोप चले गए। भारत लौटने के बाद उन्होंने मेडेंस होटल में काम संभालने के थोड़ा और गुर सीखे और बाद में फैमिली बिजनेस के साथ जुड़ गए। बता दें पृथ्वी ने कई सारे देशों में लग्जरी होटल्स के प्रबंधन के लिए नेतृत्व प्रदान करने और रिसॉर्ट्स का विकास करने में अहम भूमिका निभाई है और ये ही वजह है ओबेरॉय ब्रांड अच्छे लग्जरी होटल्स का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है।
साल 2008 में हुए पद्म विभूषण से सम्मानित
साल 2008 में पृथ्वी को देश के दूसरे सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जबकि साल 2012 में इंटरनेशनल लग्जरी ट्रैवल मार्केट ने उनकी लीडरशिप और development में योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था। इसके अलावा भी उनको कई सारे अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था।
7 देशों में है ओबेरॉय ग्रुप का कारोबार
साल 1934 में ओबेरॉय ग्रुप की स्थापना की गई थी। ये ग्रुप 32 होटल ऑपरेट करता है। ओबेरॉय होटल्स की वेबसाइट के मुताबिक ग्रुप लग्जरी ओबेरॉय और 5 स्टार ट्राइडेंट ब्रांड के तहत 7 देशों में कारोबार करता है। ये ग्रुप होटल कारोबार के अलावा फ्लाइट कैटरिंग, एयरपोर्ट रेस्तरां, ट्रेवल और टूर सर्विस, किराए पर कार देने, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कॉरपोरेट एयर चार्टर्स में भी काम करता है। अब भले ही पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय हमारे बीच नहीं है, पर वो लग्जरी होटल्स के रूप में अपनी निशानी दे गए हैं, जहां पर हम शानदार hospitality Service एंजॉय कर सकते हैं।