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वृश्चिक संक्राति के दिन कर लें ये काम, सूर्यदेव की बनेगी कृपा

  • Edited By palak,
  • Updated: 16 Nov, 2022 11:01 AM
वृश्चिक संक्राति के दिन कर लें ये काम, सूर्यदेव की बनेगी कृपा

आज पूरे भारत में वृश्चिक संक्राति मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में संक्राति के त्योहार को बहुत ही मान्यता दी जाती है। वृश्चिक संक्राति तब मनाई जाती है जब सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं उसे वृश्चिक संक्राति कहते हैं। आज यानी 16 नवंबर को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में जाने वाले हैं इसलिए इसे वृश्चिक संक्राति कहा जा रहा है। आज के दिन सूर्य देव की पूजा और उपासना करना बहुत ही शुभ माना जाता है। सूर्य देव वृश्चिक राशि में अगले एक महीने तक विराजमान रहेंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि आज कैसे आप सूर्य देव की कृपा पा सकते हैं...

कैसे करें पूजा? 

आज के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके सूर्य देव की पूजा करें। इसके बाद तांबे के लोटे में पानी डालें। उस लोटे में चंदन, रोली, हल्दी और सिंदूर डालें। यह जल भगवान सूर्य को अर्पित करें। इसके बाद धूप-दीप के साथ सूर्य देव की आरती करें। सूर्य की कृपा पाने के लिए आप भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप जरुर करें। घी और चंदन का लेप लगाकर भगवान के सामने दीपक जलाएं। भगवान सूर्य को लाल फूल अर्पित करें। आखिर में गुड़ से बने हलवे का भोग भगवान सूर्य देव को लगाएं। 

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जरुर करें दान 

वृश्चिक संक्राति के दिन आप सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान भी जरुर करें। इसके बाद घर में या पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद यह जल सूर्यदेव को अर्पित करें। पितरों को जल से तर्पण दें। फिर किसी गरीब ब्राह्मण को गेहूं, सब्जी , तिल, सब्जी, तिल, वस्त्र आदि दान दें और दक्षिणा लेकर उसे विदा जरुर करें। आज के दिन स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है और सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है। सूर्य देव के पूजा और मंत्रों का जाप करें। इससे आपको जीवन में सफलता, यश और अच्छे पद की प्राप्ति होगी। 

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वृश्चिक संक्रांति का महत्व 

आज के दिन सूर्य भगवान को जल चढ़ाने के साथ श्राद्ध और पित्रों को तर्पण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। देवी पुराण के अनुसार, जो पवित्र नदी में स्नान के बाद दान और पुण्य करता है उसके सारे पाप खत्म हो जाते हैं। किसी भी तरह की बीमारियों से राहत मिलती है। इसके अलावा भगवान सूर्य की उपासना करने से पराक्रम, बल, तेज, यश और कीर्ति की भी प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य को तांबे के लौटे में जल, लाल चंदन, लाल फूल, कुमकुम मिलाकर चढ़ाएं। इसके साथ सूर्य चालीसा का पाठ जरुर करें। इससे जीवन के सारे दोष खत्म होते हैं। 

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