बुजुर्गों की देखभाल के लिए सबसे जरूरी है, कि आप उन्हें प्यार करें और उनको सम्मान दें। ये दो चीजें उन्हें सक्रिया और फिट रहने के लिए मोटिवेट करती हैं। कई लोगों इस बात की शिकायत करते हैं कि घर में बुजुर्ग कभी खुश नहीं रहते और हर वक्त रोक-टोक करते रहते हैं। जिन लोगों की उम्र 80 से ज्यादा हो चुकी है और वो ज्यादा चल-फिर नहीं सकते, उन्हें संभालना काफी मुश्किल हो जाता है। उम्र के इस पड़ाव पर वो अपने बच्चों के लेकर काफी इनसिक्योर हो जाते हैं और उन्हें ड्रिपेशन भी हो सकता है। लेकिन कई लोग आजकल घर के बुजुर्गों की परवाह नहीं करते हैं। लेकिन अगर आप ये गलती नहीं करना चाहते हैं तो जरूरी है कि घर के बुजुर्गों की मनोस्थिति को समझें और उनका इन 5 टिप्स के साथ बेहतर ख्याल रखें....
सुरक्षित माहौल दें
बुजुर्गों के लिए स्ट्रेसफ्री होना बहुत ही जरूरी है, जबकि ऐसा हो नहीं पाता। समाज में बुजुर्गों के साथ बढ़ती हिंसा उनके मन में डर पैदा कर सकती है। ऐसे में आप घर और आसपास सीसीटीवी कैमरा लगवा सकते हैं। आप चाहें तो उनके साथ जीपीएस ट्रैकर रख सकते हैं, जो उनकी गतिविधियों के बारे में बताता रहे।
तनाव को दूर रखें
जहां तक संभव हो आप उनके भविष्य की चिंता को दूर करते रहें और यह एहसास दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं। ये भी एहसास दिलाना जरुरी है कि आपको उनकी जरूरत है और हमेशा ही रहेगी। अगर वे भूलने लगे हैं और किसी मेडिकल स्थिति से डरे हुए हैं तो उनका डर खत्म करने का प्रयास करें। इससे वे निश्चिंत रहेंगे और बेहतर महसूस करेंगे।
जरूरी बातों पर लें परामर्श
आप अगर उनसे पर्सनल प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने में मदद लेंगे, तो वे खुद को आपके लिए जरूरी समझेंगे। ऐसे में आप उनसे हर तरह का परामर्श लें और जरूरी बातें शेयर करें।
पॉकेट मनी है जरुरी
आप खुलकर पैसों की जरुरत पर बात करें और उनके बीमा संबंधी मामलों पर बात करें। जाहिर सी बात है कि 70-80 की उम्र में भागदौड़ करना संभव नहीं है। अगर वे बैंक नहीं जा पाते, उनके हर जरुरी काम पर घर के सदस्यों को ही ध्यान देना होगा।
हंसी-मजाक भी ज़रूरी
घर में जितना ज्यादा हंसी मजाक का माहौल रहेगा, घर के सदस्य उतना ही हेल्दी, हैप्पी और लाइफ के लिए पॉजिटिव रहेंगे, जिससे किसी भी तरह का मानसिक रोग, तनाव, चिंता आदि दूर रहेगा, इसलिए बुजुर्गों के साथ भी खुलकर हंसी-मजाक करते रहें।
इंटरनेट से जोड़े
युग में जिस प्रकार आप अपने बच्चों को हर चीज यूज करना सिखाते हैं, अपने पेरेंट्स को भी अपग्रेट करते रहें और उन्हें मोबाइल, लैपटॉप आदि यूज़ करना सिखाएं, ताकि आप जब घर पर ना हों, तो उन्हें अकेलापन महसूस ना हो और अपना समय वे एन्जॉय करते हुए बिता सकें।