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नारी शक्ति का दम क्यों हुआ कम?... इस बार लोकसभा के लिए चुनी गईं सिर्फ 74 महिला सांसद

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 06 Jun, 2024 01:32 PM
नारी शक्ति का दम क्यों हुआ कम?... इस बार लोकसभा के लिए चुनी गईं सिर्फ 74 महिला सांसद

लोकसभा चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में कुल 74 महिलाएं चुनी गईं जबकि 2019 के आम चुनाव में यह संख्या 78 थी। देश भर से निचले सदन के लिए चुनी गईं कुल महिला सांसदों में से पश्चिम बंगाल 11 महिलाओं के साथ सबसे आगे है। कुल 797 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा ने सबसे अधिक 69 को और कांग्रेस ने 41 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था। संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद यह पहला चुनाव है। 

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भाजपा की 30 महिला उम्मीदवारों ने जीता चुनाव

इस कानून में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, इस बार भाजपा की 30 महिला उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव जीता, कांग्रेस की 14, तृणमूल कांग्रेस की 11, समाजवादी पार्टी की चार, द्रमुक की तीन और जनता दल (यूनाइटेड) और लोजपा (आर) की दो-दो महिला उम्मीदवार जीतीं। 

कंगना और मीसा की जीत ने खींचा ध्यान

सत्रहवीं लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या सबसे अधिक 78 थी, जो कुल संख्या का 14 प्रतिशत थी। 16वीं लोकसभा में 64 महिलाएं सदस्य थीं जबकि 15वीं लोकसभा में यह संख्या 52 थी। भाजपा की हेमा मालिनी, तृणमूल की महुआ मोइत्रा, राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने लोकसभा चुनाव में अपनी सीटें बरकरार रखीं जबकि कंगना रनौत और मीसा भारती जैसी उम्मीदवारों ने अपनी जीत से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। 

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इकरा चौधरी हैं सबसे कम उम्र की उम्मीदवार 

मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की 25 वर्षीय उम्मीदवार प्रिया सरोज और कैराना सीट से 29 वर्षीय इकरा चौधरी जीत हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की उम्मीदवारों में शामिल हैं। बिहार के वैशाली संसदीय सीट से वीणा देवी और शिवहर से लवली आनंद के जीतने के साथ ही वैशाली और शिवहर बिहार में अबतक सर्वाधिक महिला राजनेत्री को संसद तक पहुंचाने वाला संसदीय क्षेत्र बन गया है।   

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इस सीट में महिलाओं का रहा दबदबा

लोकतंत्र का उद्गम स्थल माने जाने वाले वैशाली लोकसभा सीट से वर्ष 1980 और वर्ष 1984 में पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिंह की पत्नी किशोरी सिन्हा सांसद निर्वाचित हुयी। वर्ष 1989 में उषा सिन्हा सांसद बनीं। उषा सिन्हा केन्द्रीय मंत्री भी रही हैं। वहीं 1994 उपचुनाव में पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद सांसद बनीं। लवली आनंद ने श्रीमती किशोरी सिन्हा को पराजित किया था और वह पहली बार सांसद बनीं। वर्ष 2019 में वीणा देवी सांसद बनीं। इस तरह वर्ष 2019 तक के आम चुनाव वैशाली जिले से पांच महिला प्रतिनिधि संसद पहुंची थी।
 

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