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इस Hill Station पर सिर्फ अंग्रेज ही जा सकते थे घूमने, भारतीय को नहीं थी यहां पैदल चलने की इजाजत

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 13 Jul, 2023 04:35 PM
इस Hill Station पर सिर्फ अंग्रेज ही जा सकते थे घूमने, भारतीय को नहीं थी यहां पैदल चलने की इजाजत

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पास एक हिल स्टेशन है, जिसका नाम है मसूरी। इसके बारे में तो सब ही जानते हैं। आप में से कई सारे लोग बर्फबारी का मजा लेने के लिए कई बार यहां आए भी होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि एक समय पर यहां भारतीयों का जाना सख्त मना था....

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यहां पर खासतौर पर 'Indians Not Allowed' लिखवाया गया था इसके पीछे की वजह ये है कि मसूरी अंग्रजों द्वारा बसाया गया था। कह जाता है क् 1823 में अंग्रेजों के एक अफसर एफ.जे. शोर पर्वतारोहण करते हुए यहां पहुंचें। यहां की प्राकुतिक नजारे को देखकर तो बहुत मोहित हुए और फिर कई अंग्रेज यहां अपने परिवार के साथ बसने आ गए। 1829 में  मि. लॉरेंस ने लंढौर की मार्केट में पहली दुकान खोली। 1926-31 के बीच मसूरी में पक्की सड़क बन चुकी थी और यहां तेजी से बसावट भी होने लगी थी।

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भारतीयों के घूमने पर थी पाबंदी

भले ही आज अपनी मर्जी से यहां पर सैर-सपाटे पर जा सकती हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। यहां पर तो भारतीयों को पैदल चलाने की भी इज्जत नहीं थी। मसूरी की माल रोड पर र बड़े-बड़े अक्षरों में 'Indians and Dogs Not Allowed' भी लिखवाया हुआ था। बाद में पं मोती लाल नेहरू ने इस नियम को हटा दिया। नेहरू परिवार को ये जगह बहुत पसंद थी और वो लोग यहां अकसर घूमने आते थे। मसूरी का नाम मसूरी कैसे पड़ा, इसके पीछे भी दिलचस्प वाक्या है। यहां पर बड़ी संख्या में मंसूर के पौधे उगते हैं, जिस वजह से इस जगह का नाम पड़ा मसूरी। 

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बेहद सुहान है मसूरी का मौसम

मसूरी में घूमने के लिए आप कैप्टी फॉल, नाग टिब्बा, मसूरी लेक जैसी जगहों पर जा सकते हैं। समय के साथ-साथ यहां आवाजाही आसान होने की वजह से हजारों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। गर्मियों से बचने के लिए लोग शहर से यहां कुछ शांति और सुकून के पल बिताने आते हैं। 

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