हर मां-बाप अपने बच्चों को बड़ा हो कामयाब देखना चाहते हैं। इसके लिए वे बच्चों को किसी चीज की कमी नहीं आने देने हैं। बच्चे के सफल भविष्य और उन्हें सेल्फ इंडिपेंडेंट बनाने के लिए वे उन्हें अच्छा स्कूल, खान-पान, वातावरण, कोचिंग आदि की सुविधा देते है। मगर कहीं बच्चे का स्कूल रिजल्ट थोड़ा खराब आ जाए, तो वे निराश होते हैं और कई बार बच्चे को डांटने यहां तक कि मारने भी लगते है।
मगर एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए उसका पढ़ने-लिखने में बेस्ट होना ही काफी नहीं होता। ऐसे में अगर कहीं आपका बच्चा भी पढ़ाई में सिर्फ एवरेज है तो अच्छी लाइफ स्किल्स सिखाकर आप उन्हें सेल्फ इंडिपेंडेंट बनाने की कोशिश करें। तो चलिए जानते है ऐसे 5 लाइफ स्किल्स जो हर मां-बाप को बच्चों को जरूर सिखाने चाहिए।
एक्स्ट्रा एक्टिविटीज के लिए करें उत्साहित
कुछ पैरेंट्स ऐसे होते है जो चाहते है कि उनके बच्चे सिर्फ की ओर ध्यान दें। वे उन्हें खेलने या स्कूल की एक्स्ट्रा को-करिकुलर एक्टिविटीज में भी भाग लेने से मना करते है। मगर ऐसा करना गलत है। बच्चे को पढ़ाई के साथ खेलने और दूसरी स्किल्स के लिए भी उत्साहित करना चाहिए। इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक तौर से बेहतर होते हैं। इसके साथ उनमें एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है जिससे वे पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दे पाते है।
पढ़ने के साथ प्रैक्टिकल होना जरुरी
हर स्कूल में बच्चों को किताबी ज्ञान देकर ही चीजों को समझाया और सिखाया जाता है। इससे बच्चे अच्छे नंबरों से पास तो हो जाते है पर चीजों को अच्छे से समझ नहीं पाते। इसलिए बच्चे को बचपन से ही अपने आसपास के वातावरम को देखने, परखने की आदत डालें। ताकि वे इन प्रयोगों द्वारा अनुभव ले सके। इससे बड़े होने पर उसे करियर को चुननें और जॉब करने में मदद मिलेगी।
सभी का आदर करना सिखाएं
बच्चे का पढ़ने-लिखने में होशियार होना ही काफी नहीं होता है। उसे कुछ व्यावहारिक बातें भी सिखानी चाहिए। उन्हें अपने से बड़ों का आदर और छोटों को प्यार करना सिखाएं। उन्हें बचपन से ही मां-बाप, टीचर्स, भाई-बहन, रिश्तेदारों आदि का सम्मान करने की सीख दें। ऐसा करने से बच्चों को सभी के साथ अच्छे से बात करना, घुलना- मिलना और साथ ही सफलता की ओर जाने में मदद मिलेंगी।
रिलैक्स और खुश होना सिखाएं
आजकल के मां-बाप बच्चों को हर समय पढ़ने का जोर डालते है जिसके कारण उनपर इसका प्रेशर बढ़ता है। इसके कारण बच्चा छोटी सी उम्र में ही हंसना भूलकर, स्ट्रेस, तनाव आदि का शिकार होने लगता है। ऐसे में मां-बाप का फर्ज बनता है कि वे अपने बच्चे की मन की बात जानें उन्हें रिलैक्स फील करवाए। उन्हें हंसना, रिलैक्स फील करना सिखाए। आप उन्हें गाने सुनने, कहानियां पढ़ने, अलग-अलग गेम्स खेलने और लोगों से घुलने-मिलने के लिए प्रोत्साहित करें।
हॉबी को करें सपोर्ट
बच्चों को बोलने का मौका दें। उनकी पसंद-नापसंद को जानें। चाहे आपका बच्चा पढ़ाई में ज्यादा अच्छा न हो मगर उसकी हॉबी के जानें और उन्हें सपोर्ट करें।आज के समय में पढ़ाई से ज्यादा हॉबी फॉलो करने वाले लोग कामयाब हो रहें है। पढ़ाई में अच्छा न होने पर भी आपका बच्चा अपने करियर के लिए सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग, एक्टिंग, पोएट्री, राइटिंग, स्पोर्ट्स, क्रिकेट, एथलीटिक्स आदि हॉबी को चुन सकता है। ऐसे में पैरेंट्स का पूरा फर्ज बनता है कि रूचियों को पहचाने और उसे फॉलो कर उन्हें करियर बनाने में मदद करे। आप उन्हें उनकी मनपसंद डांस, म्यूजिक आदि की क्लासिस में डाल सकते है।