वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से का विशेष महत्व होता है, जिसमें नल (टैप) भी शामिल हैं। सही दिशा और स्थिति में नल का होना आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, जबकि गलत दिशा या लापरवाही से लगाए गए नल से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इन वास्तु नियमों का पालन करके आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रख सकते हैं और घर में सुख-समृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं।
नल का दिशा और स्थान
घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में पानी का स्रोत रखना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिशा में नल लगाने से घर में धन, समृद्धि और शांति बनी रहती है। दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) या दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) दिशा में नल लगाने से बचें, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है और यहां नल लगाने से जल तत्व और अग्नि तत्व में टकराव हो सकता है, जिससे परिवार में तनाव और कलह बढ़ सकता है।
नल से पानी का टपकना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नल से लगातार पानी टपकना बहुत अशुभ माना जाता है। यह घर में धन की हानि और आर्थिक तंगी का संकेत देता है। यदि आपके घर के नल से पानी टपकता है, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।
नल का रंग और सामग्री
नल का रंग और उसकी सामग्री भी महत्वपूर्ण होती है। पीतल (ब्रास) का नल सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह धातु शुद्धता का प्रतीक है। इसके अलावा, सिल्वर या क्रोम फिनिश वाले नल भी शुभ होते हैं। काले या भूरे रंग के नल लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
नल की ऊंचाई
नल को ऐसी ऊंचाई पर लगाना चाहिए कि पानी का प्रवाह सुगमता से हो और नल खोलने पर पानी सीधे नीचे गिरे। पानी का दिशा बदलते हुए बहना या उछलते हुए गिरना वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
नल की देखभाल
नल का नियमित रूप से निरीक्षण और मरम्मत करना चाहिए। जंग लगे या टूटी-फूटी स्थिति में नल का होना अशुभ माना जाता है। इससे घर में धन और सुख-समृद्धि का नुकसान हो सकता है। नल से पानी का बहाव नियंत्रित और पर्याप्त होना चाहिए। बहुत तेज़ या बहुत धीमी गति से पानी बहने को भी वास्तु दोष माना जाता है।
नल के पास सफाई
नल के आस-पास की जगह हमेशा साफ-सुथरी रखनी चाहिए। नल के आसपास गंदगी और कचरे का जमा होना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे घर में तनाव और रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
नल को लेकर लापरवाही के नकारात्मक प्रभाव
- नल से पानी का लगातार टपकना घर में आर्थिक तंगी का संकेत है।
-गलत दिशा में लगे नल से परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
-नल की गलत दिशा या स्थिति से घर में तनाव और कलह का वातावरण बन सकता है।