दिसंबर संक्रांति ने प्राचीन काल से आज तक दुनियाभर की संस्कृतियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं आने वाले 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। पृथ्वी के सबसे पास होने की वजह से सूर्य की मौजूदगी आठ घंटे ही रहती है जिसके अस्त होने के बाद 16 घंटे की साल की सबसे लंबी रात होती है। सूर्य इस दिन कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ उत्तरायण से दक्षिणायन की तरफ प्रवेश करता है। इसे विंटर सोलस्टाइस कहा जाता है।
क्या है विंटर सोलस्टाइस
विंटर सोलस्टाइस का मतलब है कि हर साल 21 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन होता है। इसकी वजह यह है कि इस दिन चांद की रोशनी ज्यादा देर तक धरती पर पड़ती रहती है। इस दिन के बाद से ही ठंड बढ़ जाती है। इस दिन सूर्य पृथ्वी पर कम समय के लिए दिखाई देता है। जबकि चंद्रमा अपनी शीतल किरणों का प्रसार पृथ्वी पर अधिक देर तक करता है।
समर सोलस्टाइस
विंटर सोलस्टाइस के ठीक उल्टा 20 से 23 जून के बीच समर सोलस्टाइस भी मनाया जाता है। तब दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी होती है तो वहीं 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन और रात का समय बराबर होता है।
बड़े दिन की शुरुआत
23 दिसंबर से उत्तरी गोलार्ध में दिन का समय बढ़ने लगता है। जिसके चलते उत्तरी ध्रूव पर रात हो जाती है जबकि दक्षिणी ध्रूव पर 24 घंटे सूर्य चमकता रहता है। 25 दिसंबर के बाद से दिन के बड़े होने की शुरुआत होने लगती है।