हमारे नाखून केराटिन से बने होते हैं। केराटिन एक तरह का प्रोटीन है, जो हमारे बालों और नाखूनों के लिए बहुत जरूरी होता है। जब हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है या शरीर में कोई बीमारी होती है तो केराटिन भी प्रभावित होता है और इसका असर नाखूनों पर नजर आता है। ऐसे में नाखूनों का रंग बदलने लगता है ।पहले के समय में ज्यादातर विशेषज्ञ आंखों, नाखूनों और जीभ को देखकर ही बीमारी का पता लगाते थे। हमारे नाखूनों को देखकर लिवर, हार्ट और फेफड़ों तक का हाल जाना जा सकता है. अगर आपके भी नाखून का रंग बदलता नजर आ रहा है, तो आपको सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि ये किसी समस्या की वजह से भी हो सकता है.....
नाखूनों का पीला रंग
अगर आपके नाखून का रंग पीला हो गया है तो ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है। इसके अलावा पीलापन फंगल इन्फेक्शन, थायरॉयड, सिरोसिस के कारण भी हो सकता है। अगर आपके नाखून पीले होने के साथ मोटे हैं और काफी धीरे बढ़ते हैं तो फेफड़े की समस्या के कारण हो सकती है।
सफेद नाखून
अगर आपके नाखूनों का रंग ज्यादा सफेदी लिए हुए है, तो ये एनीमिया, हार्ट फेल्योर, लीवर डिजीज और कुपोषण आदि का संकेत हो सकता है। वहीं नाखूनों में धारियां विटामिन-बी, बी-12, जिंक की कमी की ओर इशारा करता है। अगर आपके नाखून आधे सफेद और आधे गुलाबी हैं, तो ये शरीर में खून की कमी के कारण हो सकते हैं।
नाखूनों में सफेद स्पॉट
नाखूनों में सफेद रंग के सॉफ्ट की समस्या तमाम लोगों में देखने को मिलती है। धीरे-धीरे इन स्पॉट्स का आकार बढ़ने लगता है। ये समस्या आपके साथ भी है तो ये पीलिया या लिवर से जुड़ी किसी समस्या के कारण हो सकता है।
नाखूनों में नीलापन
कई बार नाखूनों में नीलापन नजर आता है। इसका मतलब है कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। ये फेफड़े या दिल की बीमारी की ओर संकेत देता है। वहीं नाखून अगर रूखे और टूटे हुए हैं तो ये शरीर में पोषक तत्वों की कमी की ओर इशारा करते हैं। साथ ही ऐसा थायरॉयड के कारण भी हो सकता है।
नाखून का मोटा होना
अगर नाखून की थिकनेस आसामान्य रूप से बढ़ने लगे या उनकी परत मोटी होने लगे, तो ये कई बीमारियों के संकेत हो सकते हैं। यह डायबिटीज, फेफड़ें में इंफेक्शन और ऑर्थराइटिस के संकेत हो सकते हैं।
नाखून में धारियां
यह विटामिन-बी, बी-12, जिंक की कमी कमी का दर्शाता है।
नाखूनों में कालापन
नाखूनों में कालेपन को को स्किन कैंसर का संकेत माना जाता है। स्किन कैंसर की शुरुआत हल्के दर्द के साथ नाखून में कालेपन के साथ हो सकती है। इसके अलावा फंगल इन्फेक्शन की वजह से भी नाखून काले हो सकते हैं। कई बार चोट लगने पर नाखून के नीचे रक्त की वाहिकाएं फट जाती हैं और खून जमा होने के कारण कालापन आ जाता है। भूरे या काले धब्बे आमतौर पर नाखून के आस-पास की खाल पर फैल जाते हैं, ये धब्बे त्वचा या आंख की रसौली की ओर इशारा करते हैं। कई बार स्यूडोमोनास नामक बैक्टीरिया बढ़ने के कारण भी नाखून काले या हरे हो सकते हैं।