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'मेरे पति को गोली मारने के बाद हंस रहा था आतंकवादी’  शैलेश की पत्नी का दर्दनाक खुलासा

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 24 Apr, 2025 06:42 PM
'मेरे पति को गोली मारने के बाद हंस रहा था आतंकवादी’  शैलेश की पत्नी का दर्दनाक खुलासा

नारी डेस्क: कश्मीर के दक्षिणी क्षेत्र स्थित पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में गुजरात के सूरत के शैलेश कलाथिया सहित तीन लोग मारे गए। इस हमले में कुल 26 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे। हमले में मारे गए अन्य दो लोग यतीश परमार और उनके बेटे स्मित, दोनों भावनगर शहर के निवासी थे। बृहस्पतिवार को तीनों मृतकों का उनके पैतृक स्थानों पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान स्थानीय निवासियों ने शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के अंतिम संस्कार में भाग लिया।

शैलेश कलाथिया की पत्नी का बयान, 'आतंकवादी ने हंसते हुए पति को मारा'

शैलेश कलाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया ने बृहस्पतिवार को बताया कि उनके पति की हत्या के बाद आतंकवादी हंस रहे थे। शीतलबेन ने कहा, “आतंकवादियों ने कोई दया नहीं दिखाई। एक आतंकवादी पहले हमारे पास आया और जैसे ही उसने यह जाना कि वह हिंदू है, उसने मेरे पति को नजदीक से गोली मारी। मेरे पति की तरह ही, अन्य हिंदू पुरुषों को भी उनके बच्चों के सामने गोली मारी गई। मेरे पति को गोली मारने के बाद आतंकवादी हंस रहे थे और तब तक वहां से नहीं गए, जब तक वह मर नहीं गए।”

हमला कैसे हुआ?

शैलेश कलाथिया का बेटा नक्श ने हमले के बारे में बताया। नक्श ने कहा, “हम पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे, तभी आतंकवादियों का एक समूह बैसरन पर हमला कर दिया। गोलियों की आवाज सुनते ही सभी पर्यटक पहलगाम में छिपने के लिए भागने लगे। फिर दो आतंकवादियों ने हमें पकड़ लिया और हमसे हमारा धर्म पूछने लगे। उन्होंने हमें दो समूहों में बांट दिया – हिंदू और मुस्लिम। इसके बाद, उन्होंने मेरे पिता सहित सभी हिंदू पुरुषों को गोली मारी और भाग गए।”

आतंकवादियों ने मुसलमानों को छोड़ा

नक्श ने आगे बताया, “जब आतंकवादियों ने हमें हिंदू और मुसलमानों में बांट लिया, तो उन्होंने मुसलमानों से ‘कलमा' पढ़ने को कहा। जो मुसलमान कलमा पढ़ पाए, उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें आतंकवादियों ने गोली मार दी। मुझे डर था कि मैं भी मारा जा सकता हूं।”

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भावनगर के स्मित परमार की मौत

भावनगर से श्रीनगर यात्रा पर आए 20 लोगों में से 12 लोग पहलगाम गए थे, जहां आतंकवादियों ने उन्हें निशाना बनाया। इन 12 लोगों में से एक थे स्मित परमार। उनके मामा सार्थक नैथानी ने घटना के बारे में बताया। नैथानी ने बताया, “आतंकवादी जो गोलियां चला रहे थे, वे सेना की वर्दी जैसे हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे और उनके चेहरे भी ढके नहीं थे। चारों ओर से अंधाधुंध गोलीबारी हो रही थी, जिससे सभी भागने लगे। मैंने देखा कि एक आतंकवादी ने स्मित से कुछ पूछा और फिर नजदीक से गोली चला दी।”

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स्थानीय निवासियों का शोक

कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए तीनों गुजरातियों का बृहस्पतिवार को उनके पैतृक स्थानों पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान, स्थानीय निवासियों ने मृतकों के परिवार के साथ शोक व्यक्त किया और उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया।

 

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