"आने वाली पीढ़ी है प्यारी, तो पृथ्वी को बचाना है हमारी जिम्मेदारी... हमारी धरती मां को हम सभी की जरूरत है, ऐसे में हमें अपने बच्चों में उनकी ज़िम्मेदारी और उनकी माँ के महत्व के बारे में भी बताना होगा। असल में, इसान ही कुछ गलतियों के चलते आज दुनियाभर में तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है। आसपास के वातावरण से ही बच्चे सिखते हैं, ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि वे बच्चों में को अच्छी आदतें सिखाएं।
कहानियां पढ़ाएं
बच्चों को कुछ कहानियां पढ़ा सकते हैं, "जैसे धरती उदास है"। इस तरह बच्चे पृथ्वी को बेहतर तरीके से जान पाएंगे और उसे प्यार कर पाएंग
ब्रश करते समय नल खुला ना छोड़ें
खासतौर पर बच्चों को ब्रश करते समय नल खुला छोड़ने की आदत होती है। ऐसे में पेरेंट्स उन्हें पानी की महत्ता बताते हुए ऐसा करने से रोकें। इसके अलावा घर के नल को खराब होने पर उन्हें तुरंत ठीक करवाएं।
पौधे लगाएं
घर के बगीचे व किचन में बच्चों के साथ मिल कर पौधे लगाएं। साथ ही सब्जियों व फलों को धोने वाले पानी को फेंकने की जगह पर पौधे पर डालें।
फोन या कंप्यूटर का कम इस्तेमाल
आजकल के बच्चे घंटों फोन व कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। मगर इससे बिजली का दुरुप्रयोग होने के साथ सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में पेरेंट्स उन्हें शारीरिक व मानसिक खेल सिखाएं। मगर कोरोना से बचने के लिए बच्चों को घर से बाहर भेजने की जगह घर पर ही गेम्स खिलाएं।
खिड़कियों व दरवाजों का करें सही यूज
तेज गर्मी से बचने के लिए लोग एयरकंडीशनर यूज करते हैं। मगर इससे बिजली बर्बाद होने के साथ ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है। ऐसे में धूप होने से पहले ही घर की खिड़कियों व दरवाजों को बंद कर दें। वहीं सुबह और शाम के समय इन्हें खुला रखें। ताकि घर नेचुरल तरीके से ठंडा रहे