हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे खुश रहे, लेकिन पढ़ाई के तनाव के कारण और कई चीजों के दबाव में आकर बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। डिप्रेशन के कारण बच्चा अन्य बच्चों के मुकाबले सुस्त हो जाता है और उसे किसी भी काम में भी रुचि नहीं रहती , परिवार से भी दूर रहने लगते हैं। दोस्तों के साथ खेलने बाहर नहीं जाते, घर में किसी भी तरह के काम में रुचि नहीं रखते। कई बार डिप्रेशन के कारण बच्चे डरने भी लगते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि बच्चों में डिप्रेशन के क्या लक्षण होते हैं और आप उन्हें कैसे इस समस्या से निकाल सकते हैं...
चिड़चिड़ा होना
डिप्रेशन होने के कारण बच्चे का स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है। उसे कोई भी काम करने के लिए कहा जाए तो वह मना कर देते हैं। वह अकेले बैठने ज्यादा पसंद करते हैं।
आत्मविश्वास होगा कम
डिप्रेशन होने के कारण बच्चे में आत्मविश्वास में कमी, नींद में बदलाव आना, सिर में दर्द रहना, थकान महसूस होना जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
निराशा होना
डिप्रेशन में होने से बच्चे हमेशा निराश रहते हैं। उनका किसी भी काम में मन नहीं लगता और उनकी ऊर्जा में भी कमी आने लगती है। बच्चे पहले के जैसे किसी भी कार्य में उत्साह भी नहीं दिखाते।
खाने में कर सकते हैं आनाकानी
अवसाद के कारण बच्चे की डेली रुटीन की आदतों में भी बदलाव आ सकता है। बच्चे खाने में बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखाते, इसके अलावा खाने में भी आनाकानी करते हैं।
पेरेंट्स कैसे करें बच्चे को डिप्रेशन से दूर
. अाप बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। जितना हो सके आप बच्चे के साथ समय बिताएं।
. बच्चे के मन की बात को समझें। उन्हें डांटने की जगह आप उन्हें समझने का प्रयास करें और प्यार से बच्चे को हर बात समझाएं।
. हर विषय पर बच्चे से बात जरुर करें। उनकी मानसिक स्थिति को समझने का प्रयास करें।
. बच्चे के स्कूल को बार-बार न बदलें। शुरुआती जिंदगी में होने वाले बदलावों के कारण भी बच्चे खुद को एडजस्ट नहीं कर पाते जिसके कारण वह चिड़चिड़े हो जाते हैं।
. बच्चे के सामने आप बिल्कुल भी न झगड़ें। इससे उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है।
नोट: अगर फिर भी बच्चा डिप्रेशन में रहता है तो आप उसे डॉक्टर के पास दिखाएं। डॉक्टर से पूछकर ही कोई इलाज करवाएं।