15 MARSATURDAY2025 5:18:06 PM
Nari

SC का फैसला- पिता भी नहीं जता सकते बेटी के 'स्त्रीधन' पर हक, जानिए इससे जुड़े कानून के बारे में

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 30 Aug, 2024 11:23 AM
SC का फैसला- पिता भी नहीं जता सकते बेटी के 'स्त्रीधन' पर हक, जानिए इससे जुड़े कानून के बारे में

नारी डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने स्त्रीधन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है साथ ही दुनिया को इसका महत्व भी बता दिया है। कोर्ट का कहना है कि" स्त्रीधन महिला की एकमात्र संपत्ति है जिसे वह अपनी मर्जी से खर्च करने का पूरा अधिकार रखती है। महिला का पिता उसकी इजाजत के बीना  ससुराल वालों से स्त्रीधन की वसूली का दावा नहीं कर सकता"।

पति के अलावा पिता को भी नहीं है अधिकार

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने आपराधिक विश्वासघात से जुड़े एक केस की सुनवाई करते हुए कहा- "यह माना गया है कि स्त्रीधन पर पति को कोई अधिकार नहीं है, और तब यह आवश्यक रूप से निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए कि पिता को भी कोई अधिकार नहीं है, जब बेटी जीवित है, स्वस्थ है, और अपने 'स्त्रीधन' की वसूली के लिए प्रयास करने जैसे निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम है"। 

 

प्रॉपर्टी, कार, बंगला देखकर लोग कर रहे शादी
 

महिला के पिता ने लगाया था ससुरालवालों पर आरोप 

कोर्ट में यह केस तेलंगाना के पडाला वीरभद्र राव नाम के शख्स ने दाखिल किया था जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के पूर्व ससुराल वालों पर शादी के समय दिया गया स्त्रीधन वापस नहीं करने का आरोप लगाया गया था। साल 2021 में दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी बेटी को गहने गिफ्ट के रूप में दिए थे और ये सब चीजें शादी के समय उसके ससुराल वालों को सौंप दिया था, लेकिन अब उन्हें वापस नहीं किया गया, उनकी बेटी ने 2018 में दूसरी शादी कर ली।

क्या होता है स्त्रीधन 

कोर्ट ने इस पर कहा-  महिला के तलाक के 5 साल से अधिक समय बाद और उसके पुनर्विवाह के 3 साल बाद दर्ज की गई एफआईआर में कोई दम नहीं है।  दरअसल स्त्रीधन का अर्थ है महिला के हक का धन, संपत्ति, कागजात और अन्य वस्तुएं। एक आम धारणा ये है कि महिलाओं को शादी के दौरान जो चीजें उपहारस्वरूप मिलती हैं, उन्हें ही स्त्रीधन माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। स्त्रीधन में किसी महिला को बचपन से लेकर भी जो चीजें मिलती हैं, वह भी स्त्रीधन के दायरे में आती हैं।  इनमें नकदी से लेकर सोना, हर तरह के तोहफे, संपत्तियां और बचत भी शामिल हैं। 
 

कब और कैसे करें हरतालिका तीज की पूजा,
 

स्त्रीधन को लेकर क्या है कानून

स्त्रीधन पर अविवाहित स्त्री का भी कानूनी अधिकार है इसमें वे सारी चीजें आती हैं, जो किसी महिला को बचपन से लेकर मिलती रही हों। हिंदू महिला का स्त्रीधन का हक हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 14 और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 27 के तहत आता है। महिला चाहे तो स्‍त्रीधन को अपनी मर्जी से किसी को दे सकती है या बेच सकती है।

Related News

News Hub