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पढ़ने के नहीं थे पैसे बैंड बनाकर शुरु किया करियर, जानें AR Rahman की कहानी

  • Edited By palak,
  • Updated: 06 Jan, 2024 11:27 AM
पढ़ने के नहीं थे पैसे बैंड बनाकर शुरु किया करियर, जानें AR Rahman की कहानी

भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री के सबसे बड़े नामों से से एक नाम एआर रहमान का भी माना जाता है। एआर रहमान के गाने पूरी दुनिया में सुने जाते हैं। 6 जनवरी 1967 में जन्में एआर रहमान आज अपना 57वां जन्मदिन मना रहे हैं। रहमान की आवाज और उनके म्यूजिक के आज भी फैंस दीवाने हैं। आज भी लोगों को उनके गाने बहुत ही सुकून देते हैं। सिंगर को 2 ऑस्कर, 2 ग्रैमी और 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। तो चलिए आज उनके जन्मदिन पर आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कैसे की थी...

दिलीप कुमार है असली नाम

एआर रहमान का पूरा नाम अल्लाह रुक्खा रहमान है। एआर रहमान का असली नाम दिलीप कुमार हैं। जब रहमान 23 साल के हुए तो उन्होंने अपने गुरु कादरी इस्लाम से प्रभावित होकर इस्लाम कबूल कर लिया। रहमान ने धर्मातरण कर अपना नाम बदल लिया था जो कई मौके पर चर्चा का विषय भी बना। अपने संगीत से लोगों के दिलों में बस जाने वाले रहमान को संगीत से लोगों के दिलों में बस जाने वाले रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला है। उनके पिता भी संगीतकार थे। 

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ऐसे शुरु किया था अपना करियर 

पिता की मौत होने के बाद एआर रहमान का करियर काफी संघर्ष भरा रहा। हालांकि उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रहमान बचपन से ही कई सारे म्यूजिक वाद्य यंत्र बजाने में माहिर हो गए थे। संगीत का गुण अपने पिता आरके शेखर से विरासत में मिला है। जब रहमान नौ साल के थे तो उनके पिता का देहांत हो गया था। घर के हालत खराब होने के कारण उन्होंने अपने सारे वाद्ययंत्र भी बेच दिए। उन्होंने अपने हाई स्कूल के दोस्तों के साथ एक बैंड बनाया था। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर अपना पूरा टाइम म्यूजिक देने का फैसला किया। 

15 साल की उम्र में कम अटेंडेंस के चलते छोड़ना पड़ा स्कूल

एआर रहमान के पास बचपन में पढ़ाई पूरी करने के लिए भी पैसे नहीं थे। 15 साल की उम्र में उन्हें कम अटैंडेंस के चलते स्कूल छोड़ना पड़ा। इसके बाद वह फुल टाइम म्यूजिशियन बन गए। घर के हालत खराब होने के कारण उन्होंने अपने सारे वाद्ययंत्र भी बेच दिए। उन्होंने अपने हाई स्कूल के दोस्तों के साथ एक बैंड बनाया था। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर अपना पूरा टाइम म्यूजिक देने का फैसला किया। रहमान ने अन्य संगीतकारों के साथ काम करना शुरु कर दिया और कई सारे संघर्ष के बाद उन्हें1991 में मणिरत्नम की फिल्म 'रोजा' में म्यूजिक कंपोज करने का मौका मिला। अपनी पहली फिल्म 'रोजा' के लिए एआर रहमान को संगीत के लिए पुरस्कार भी मिले।

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2013 तक एआर रहमान का नाम पूरी दुनिया में मशहूर हो गया। उनके नाम किसी कंसर्ट की सबसे महंगी टिकट बनने का रिकॉर्ड भई है। इसके अलावा कनाडा में एक सड़क का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है। 

इन सारे पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं सिंगर 

रहमान को अब तक छ: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दो ऑस्कर पुरस्कार, दो ग्रैमी पुरस्कार, एक गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, 15 फिल्मफेयर पुरस्कार और दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिए 17 साउथ फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुके हैं। 

चेन्नई में है अपना  म्यूजिक स्टूडियो

एआर रहमान का चेन्नई में खुद का एक म्यूजिक स्टूडियो है। रहमान कभी भी मुंबई में आकर संगीत नहीं बनाते। उनकी पहली शर्त सभी के साथ यही होती है कि वह चेन्नई के अपने स्टूडियो में ही संगीत रचेंगे।

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