सिंगल चाइल्ड का फैसला भले ही पेरेंट्स का हो लेकिन कई बार बच्चे इस चीज के कारण मानसिक समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। सिंगल चाइल्ड गुस्सैल स्वभाव, इंट्रोवर्ट, चिड़चिड़ापन, जैसे लक्षण नजर आते हैं। अपनी उम्र के बच्चे यानी की भाई या कोई बहन न होने के कारण बच्चा अपने आप को अकेला महसूस करने लगता है। कई बार तो बच्चा इतनी परेशानी ले लेता है कि डिप्रेशन में भी चला जाता है। अगर आपका बच्चा भी सिंगल चाइल्ड है तो आप इन तरीकों से उसकी केयर कर सकते हैं।
पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान
यदि आपका भी बच्चा सिंगल चाइल्ड है तो आप उसका ध्यान रखें। ज्यादा समय न दे पाने के कारण बच्चे डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं। अपनी उम्र के भाई या फिर बहन न होने के कारण भी वह तनाव भी महसूस करते हैं। अकेले रहने से बच्चे बाहरी दुनिया से भी दूर रहने लगते हैं। एंग्जाइटी का भी बच्चे शिकार हो सकते हैं।
इन तरीकों से करें बच्चे की परवरिश
बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, भावनाएं, पारिवारिक रिश्ते, भविष्य आदि से जुड़ी चीजों के बारे में समय-समय पर भी जानकारी देते रहें। इकलौते बच्चे माता-पिता के लाडले होते है लेकिन इन्हें बिगाड़े न। बच्चों की समस्याओं को नजरअंदाज भी न करें। उनके दोस्त बनकर रहें। कुछ बातों में बच्चे का साथ दें और कुछ बातों को नजरअंदाज कर दें।
मन की बात करें
इकलौते बच्चे डिप्रेशन का भी शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आप उन्हें समय दें। उनके साथ ज्यादा सख्त व्यवहार न करें। ताकि बच्चा आपसे मन की बात कर सके।
किसी एक्सपर्ट्स के करें कंसल्ट
यदि आपको बच्चे के व्यवहार में कोई फर्क देखने को मिल रहा है तो आप उसे किसी साइकोलॉजिस्ट या फिर कॉउंसलर के पास जरुर लेकर जाएं।
स्पेशल फील करवाएं
अगर आपको बच्चा शांत नजर आता है तो आप उसे खुद का महत्व समझाएं। आप बच्चे को स्पेशल फील करवाना न भूलें।
जरुर दें समय
आप बच्चे को अपना समय जरुर दें। अक्सर माता-पिता बच्चे को कोई काम देकर किसी ओर चीजों में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे में आप बच्चे को अपना पूरा समय दें। उसे नजरअंदाज न करें। इससे बच्चा आपके दिल की बात समझेगा और मन की बात भी जरुर शेयर करेगा। एक बच्चे की जिम्मेदारी भी थोड़ी कम होगी। ऐसे में आप बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं ताकि वह अकेला महसूस न करे।