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नवरात्रि स्पैशलः जौ से भविष्य का संकेत देती है नवदुर्गा, ऐसा रंग अशुभ

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Oct, 2021 04:54 PM
नवरात्रि स्पैशलः जौ से भविष्य का संकेत देती है नवदुर्गा, ऐसा रंग अशुभ

नवरात्रि के दौरान ना सिर्फ देवी मां की पूजा की जाती है बल्कि उपासक कलश या घट स्थापना भी करते हैं। वहीं, नवरात्रि में जौ बीजने का भी काफी महत्व है, जिसे आखिरी व्रत के दौरान बोया जाता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि जौ के माध्यम से देवी मां भविष्य का संकेत देती है। चलिए आपको बताते हैं कि जौ का रंग किस बात की ओर इशारा करते हैं...

नवरात्रि में क्यों बोई जाती है जौ?

कहा जाता है कि सृष्टि के निर्माण के समय धरती पर सबसे पहले जौ की बोई गई थी। चूंकि सृष्टि की रचनाकार ब्रह्माजी है इसलिए जौ को उन्ही का प्रतीक माना जाता है और मां दुर्गा के व्रत में उनकी पूजा की जाती है। जौ को अन्‍न ब्रह्म की तरह माना जाता है। मान्‍यता है कि जौ के फलने-फूलने से घर में सुख-समृद्धि और हरियाली आती है।

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जौ हो जाएं ऐसे तो समझ जाएं...

1. कहा जाता है कि अगर जौ अंकुरित ना हो तो सफलता के लिए इंताजर करना पड़ता है यानि आपको किसी कार्य में सफल होने के लिए समय लगेगा।
2. कलश स्थापना के समय बोया हुआ जो नीचे से आधा पीला और ऊपर से हरा हो तो आने वाले साल का आधा समय दुखों से भरा रहेगा जबकि आधे साल खुशहाली आएगी।
3. अगर जौ का रंग नीचे से हरा और ऊपर से पीला हो तो आने वाला समय अच्छा होगा लेकिन बाद में कुछ परेशानियां झेलनी पड़ेगी।
4. जौ का रंग सफेद या हरा रंग हो तो समझ लें कि नवरात्रि की पूजा सफल हो गई। इसका मतलब है कि आने वाली समय में आप पर माता की कृपा बरसेगी।
5. जौ सफेद-हरे रंग के हो तो समझ लें कि घर में शुभ समाचार या किसी सदस्य की तरक्‍की की खबर आने वाली है।

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क्या करे अगर मिल जाए अशुभ संकेत?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर जौ का रंग कोई अशुभ संकेत दे तो मां दुर्गा की अराधना व हवन करना चाहिए। साथ ही गरीबों व कुंवारी कन्याओं को दान आदि देना चाहिए।

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