प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोदी2.0 में वित्त मंत्री रहीं श्रीमती निर्मला सीतारमण पर भरोसा जताते हुये उन्हें मोदी 3.0 में भी इसी मंत्रालय का कार्यभार दिया है। देश की पहली वित्त मंत्री के रूप में पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने वाली और कोरोना महामारी के प्रभावों से भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली श्रीमती सीतारमण ने मोदी मंत्रिमंडल में कल कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
विभागों का आवंटन किया गया जिसमें उनको वित्त मंत्री और कार्पोरेट मामलों के मंत्री का जिम्मा दिया गया है। इससे पहले श्रीमती सीतारमण ने 31 मई 2019 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री और भारत के 28वें वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने भारत की दूसरी महिला रक्षा मंत्री के रूप में भी सेवा दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में अपने प्रभावी कार्यकाल के दौरान उन्होंने 2019 में पहला बजट पेश किया था। वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला थी।
सीतारमण 2024 में अंतरिम बजट पेश करके लगातार छह बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन गई थीं. इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व पीएम मोरारजी देसाई के नाम था। अब जुलाई में सातवां बजट पेश करके वह एक कदम और आगे निकल जाएंगी. हालांकि, 10 बजट पेश करने का मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए अभी उन्हें कुछ और साल इंतजार करना पड़ेगा।
फोर्ब्स मैगजीन 2020 की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में श्रीमती सीतारमण 39वें स्थान पर थी। उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। राजनीति में प्रवेश करने से पहले श्रीमती सीतारमण ने बीबीसी वल्डर् सर्विस के लिए कुछ समय तक काम किया और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स में एक सीनियर मैनेजर के रूप में भी उन्हें नामित किया गया था।
सीतारमण 2006 में भाजपा में शामिल हुईं और 2010 में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। वर्ष 2014 में उनको मोदी मंत्रिमंडल में आंध्र प्रदेश से एक राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया और आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया था। उनका जन्म 18 अगस्त, 1959 को तमिलनाडु के मदुरई में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। स्कूली शिक्षा मद्रास और तिरुचिरापल्ली में हुई थी। वर्ष 1980 में सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री लेने के बाद वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंची और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की भी वह पूर्व छात्रा हैं।