14 साल बाद पोलियो ने भारत को फिर से डराना शुरू कर दिया है। मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले के एक दूरदराज गांव में एक दो साल के बच्चे में पोलियो के लक्षण पाए गए। भारत आधिकारिक तौर पर 2014 से पोलियो मुक्त राज्य है। पोलियो का अंतिम मामला 2011 में सामने आया था। अब एक बार फिर देश को अलर्ट होने की जरूरत है।
WHO ने जारी किया अलर्ट
इस नए मामले के सामने आने के बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अलर्ट जारी किया है। भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने और संभावित मामलों की तुरंत जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, WHO ने पोलियो के किसी भी नए मामले को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया है। इसके अलावा टीकाकरण अभियान भी तेज कर दिया गया है।
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क्या है पोलियो
मेघालय और असम के आस-पास के क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरती जा रही है ताकि और कोई बच्चा पोलियो का शिकार ना हो पाए। बता दें कि पोलियो (Poliomyelitis) एक संक्रामक रोग है, जो पोलियोवायरस के कारण होता है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और यह रोग मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे व्यक्ति को चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है। गंभीर मामलों में, यह रोग शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से श्वसन प्रणाली को, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
पोलियो के लक्षण
हल्के लक्षण
बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में जकड़न, और अंगों में दर्द।
गंभीर लक्षण
मांसपेशियों में कमजोरी या पक्षाघात (अक्सर पैरों में), जो स्थायी हो सकता है।
भारत में पोलियो की स्थिति
भारत ने पोलियो उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। एक समय था जब भारत में पोलियो के मामले काफी अधिक थे, लेकिन 2014 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो-मुक्त देश घोषित कर दिया। इसका मतलब है कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
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पोलियो की रोकथाम के लिए भारत की पहल
भारत सरकार ने पोलियो उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए
राष्ट्रीय पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम: इस कार्यक्रम के तहत बड़े पैमाने पर पोलियो टीकाकरण अभियान चलाए गए।
पल्स पोलियो अभियान: यह भारत में पोलियो Elimination के सबसे प्रभावी अभियानों में से एक है, जिसमें देशभर के बच्चों को नियमित अंतराल पर पोलियो की खुराक दी जाती है।
अलर्ट रहने की जरूरत
हालांकि भारत को पोलियो-मुक्त घोषित कर दिया गया है, लेकिन पोलियो वायरस का खतरा अब भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए, पोलियो के खिलाफ टीकाकरण अभियान लगातार जारी हैं, और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाए। पोलियो-मुक्त स्थिति को बनाए रखने के लिए सतर्कता और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है, और सरकार इस दिशा में निरंतर कार्यरत है। दुनिया के कुछ हिस्सों में पोलियो वायरस अभी भी सक्रिय है, इसलिए सतर्कता और सावधानी की जरूरत है।