नारी डेस्क: नए पेरेंट्स अकसर इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि उन्हे बच्चे काे तकिया देना चाहिए या नहीं। डॉक्टरों की मानें तो कम उम्र के बच्चों को कभी भी नॉर्मल तकिया नहीं देना चाहिए। आप शिशु के सिर की शेप को ठीक करने वाले तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं। दो साल की उम्र से पहले बच्चे को तकिया देने से कई तरह के स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी जोखिम हो सकते हैं।
क्यों नहीं देना चाहिए तकिया
सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (SIDS): - नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में तकिया देने से उनका चेहरा तकिए में दब सकता है, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इससे **सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (SIDS)** का खतरा बढ़ जाता है।
गर्दन और रीढ़ की समस्याएं : नवजात और छोटे बच्चों की गर्दन और रीढ़ की हड्डियां बहुत नाजुक होती हैं। तकिया का इस्तेमाल उनकी रीढ़ की स्वाभाविक स्थिति को बदल सकता है, जिससे गर्दन और पीठ में समस्याएं हो सकती हैं।
अलर्जी का खतरा: - तकियों में धूल, बैक्टीरिया और एलर्जन्स जमा हो सकते हैं, जो छोटे बच्चों में सांस की समस्याएं या त्वचा पर एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
असमान शारीरिक विकास: बच्चे की हड्डियां और मांसपेशियां अभी विकसित हो रही होती हैं, और तकिया उनके सिर को असमान स्थिति में रखने से विकास में बाधा डाल सकता है। इससे सिर की शेप या गर्दन की मांसपेशियों में समस्या हो सकती है।
तकिया कब देना चाहिए
जब बच्चा 2 साल का हो जाए और उसकी गर्दन और रीढ़ की हड्डियां ठीक से विकसित हो चुकी हों, तब छोटे, पतले और मुलायम तकिये का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सही तकिया चुनने के टिप्स
-शुरू में पतला और मुलायम तकिया चुनें, ताकि बच्चे की गर्दन और सिर पर अनावश्यक दबाव न पड़े।
-बच्चे के लिए ऐसा तकिया चुनें जो हाइपोएलर्जेनिक हो, ताकि धूल और एलर्जी से बचाव हो सके।
- बच्चे के सिर के आकार और बिस्तर के हिसाब से तकिया का सही आकार चुनें।
बच्चों के लिए सही उम्र और सही प्रकार का तकिया चुनने से उनकी नींद और विकास दोनों सुरक्षित रहते हैं।