बच्चे स्वभाव से बहुत ही चंचल होते हैं, माता-पिता की छोटी सी भूल के कारण उनसे नाराज भी हो सकते हैं। खासकर पेरेंट्स को बच्चे की परवरिश के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि माता-पिता की छोटी सी भूल के कारण बच्चे उनसे दूर हो सकते हैं। खासकर आजकल पेरेंट्स वर्किंग होते हैं जिसके कारण वह बच्चे के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाते। इस बात का बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चे मानसिक और शारीरिक रुप से माता-पिता की बातों से प्रभावित होते हैं। पेरेंट्स की बातों का असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं बच्चे
बच्चे को पर्याप्त समय न दे पाने के कारण वह एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का शिकार होती हैं। कम उम्र में डिप्रेशन के कारण बच्चे के बच्चे मिर्गी के दौरे का शिकार भी हो सकते हैं। इसके अलावा कई बार माता-पिता बच्चे को केयरटेकर के पास छोड़ जाते हैं केयरटेकर्स के बुरे व्यवहार का असर भी बच्चे के दिमाग पर पड़ सकता है जिसके कारण डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।
स्वभाव में भी दिखेगा बदलाव
जब बच्चे अकेले रहते हैं तो उनका स्वभाव भी बदलने लगता है। बच्चे गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं। इसके अलावा अकेले रहने के कारण उनमें चिड़चिड़ापन होने लगता है। छोटी-छोटी बात पर बच्चे नाराज होने लगते हैं। ऐसे में यदि आपके बच्चे में भी कुछ इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो आप उन्हें समय दें और उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनें।
शारीरिक रुप से कमजोर हो सकते हैं बच्चे
यदि आप बच्चे को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे तो बच्चे शारीरिक रुप से कमजोर हो सकते हैं। कमजोर बच्चे बहुत जल्द बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं। माता-पिता से दूर रहने का असर उनकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। मेंटल हेल्थ खराब होने के कारण बच्चे की नींद भी प्रभावित होती है। जिससे उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और वह बीमारियों का शिकार भी हो सकते हैं अकेल रहने के कारण बच्चे ईटिंग डिसऑर्डर और मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
कम होगी बच्चे की मेंटल पॉवर
माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में आगे रहे लेकिन यदि आप बच्चे को समय नहीं दे रहे तो इससे उनकी मेंटल पॉवर धीरे-धीरे कम हो सकती है। अच्छी पढ़ाई के लिए बच्चों को मोटिवेशन और लगातार मॉनिटर की जरुरत होती है। यदि आपके पास अपने बच्चे के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है तो इसका असर उनकी कार्यक्षमता, स्मरण शक्ति और मेंटल पॉवर पर पड़ सकता है।
खराब हो सकते हैं पेरेंट्स से रिश्ते
माता-पिता और बच्चे का रिश्ता बहुत ही कोमल होता है। ऐसे में यदि आप बच्चे के पर्याप्त समय नहीं देंगे तो इससे बच्चा आपसे दूर हो सकता है। समय के साथ दूरी बढ़ भी सकती है जिसके कारण बच्चे अपनी जिंदगी के फैसले भी खुद ही लेते हैं। इस तरह से आपके और बच्चे के रिश्ते में दरार भी बढ़ सकती है।
इस तरह करें बच्चे के साथ समय व्यतीत
. हफ्ते में एक-बार बच्चे को बाहर घुमाने जरुर लेकर जाएं।
. यदि आपके पास घुमाने के समय नहीं है तो आप बच्चे के साथ खाना खाना या वॉक जैसी एक्टिविटीज कर सकते हैं।
. बच्चे को स्कूल छोड़ने और लेने जा सकते हैं। इस तरीके से बच्चे अपनी डेली रुटीन आपके साथ शेयर करेंगे।
. बच्चे के साथ साइकिल चलाने जाएं, बच्चों के साथ वर्कआउट करें।