कोरोना वायरस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। वहीं, वैज्ञानिक कोविड-19 की जंग में नए-नए शोध व दवाओं का अविष्कार कर रहे हैं। वहीं अब कोरोना के इलाज के लिए एक नई नैसल स्प्रे दवा आ गई है। भारतीय दवा कंपनी ग्लेनमार्क लिमिटेड और कनाडा बायोटेक फर्म SaNOtize रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉर्प के साथ मिलाकर बुधवार को नया नेजल स्प्रे लॉन्च किया है, जिसका नाम Fabispray है।
भारत में लॉन्च हुआ नेजल FabiSpray
बता दें कि 'फैबीस्प्रे' को बाजार में पेश करने से पहले भारत के ड्रग नियामक से आपात मंजूरी भी ले ली गई है। इसे कोरोना के इलाज में कारगार माना जा रहा है। हालांकि इसे इन मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें सुपर स्प्रैडर माना जा रहा है। सुपर स्प्रैडर वो मरीज होते हैं जो तेजी से वायरस फैलाते हैं।
ग्लेनमार्क फार्मा ने एक बयान में कहा, "हम कोरोना के खिलाफ भारत की जंग के एक महत्वपूर्ण साझेदार हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड आधारित नैसल स्प्रे की मंजूरी व सैनोटाइज के साथ साझेदारी में इसे जारी करने पर हमें खुशी हो रही है। कोविड-19 के उपचार के लिए यह एक और सुरक्षित व प्रभावी एंटी वायरल दवा है। इससे मरीज को समय पर और आवश्यक इलाज मिल सकेगा।"
कैसे काम करती है फैबीस्प्रे?
FabiSpray एक नाइट्रिक ऑक्साइड नेज़ल स्प्रे है, जिसे नाम के ऊपरी वायुमार्ग में COVID-19 वायरस को मारने के लिए विकसित किया गया है। इसने माइक्रोबियल गुण SARS-CoV-2 पर विषाणुनाशक प्रभाव छोड़ते हैं। NONS जब नाक के म्यूकोसा पर जाता है, तो यह वायरस के खिलाफ रासायनिक बाधा के रूप में कार्य करता है और उसे फेफड़ों व शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोकता है।
कनाडा की फर्म के साथ किया गया लॉन्च
नाक से स्प्रे की जाने वाली यह दवा Niteic Oxide बेस्ड है, जिसे 18 साल से अधिक आयु के मरीज ले सकते हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह दवा 48 घंटे में वायरल लोड खत्म तक सकती है। इसे लॉन्च करने से पहले भारत के 20 अस्पतालों में 306 मरीजों पर स्टडी भी की गई है, जिसमें समामने आया कि यह स्प्रे 24 घंटे में 94% और 48 घंटे में 99% वायरल लोड खत्म करती है।
गले में ही बेअसर हो जाता है वायरस!
कंपनी का दावा है कि इस स्प्रे से वायरस श्वास नली में ही बेअसर व कमजोर हो जाता है। स्टडी में सामने आया कि यह स्प्रे कोरोना के Alpha, Gamma, Beta, Delta और Epsilon variant को भी सिर्फ 2 मिनट में मार सकता है।