कोरोना से निजात पाने के लिए बहुत सी कंपनियों ने अब वैक्सीन पर काम शुरू कर दिया है। दुनिया भर के लोगों की निगाहें अब वैक्सीन पर ही टिकी हुई है कि आखिर कब आम लोगों को वैक्सीन मिलेगी और कब वह इस वायरस से निजात पा सकते है। एक तरफ जहां रूस वैक्सीन पर दिन रात कम रहा है वहीं दूसरी और अमेरिकी कंपनियां भी वैक्सीन पर काम करने से पीछे नहीं हट रही हैं।
दोनों वैक्सीन के असरदार होने का दावा
हाल ही में एक तरफ जहां Pfizer ने अपनी वैक्सीन के 90 फीसदी असरदार होने का दावा किया था तो वहीं अब मॉडर्ना ने भी वैक्सीन के 94.5 फीसदी प्रभावशाली होने की बात कही है। हालांकि अभी दोनों के ट्रायल तो चल रहे हैं लेकिन इन दो वैक्सीन को अभी तक कोरोना महामारी को खत्म करने में एक सफल वैक्सीन के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि भारत के लिए Pfizer और मॉडर्ना में से कौन सी दवा ज्यादा कारगर साबित होगी।
भारत के लिए कौन सी वैक्सीन कारगर?
कोरोना वैक्सीन पर नजर टिकाए रखने वाले भारतीयों के मन में अभी एक ही सवाल है कि भारत के लिए कौन सी वैक्सीन ज्यादा कारगर होगी। हालांकि इसका सही जवाब तो वैक्सीन के आने पर ही मिलेगा लेकिन इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की गई। बात अगर अमेरिकी कंपनी फाइजर की करें तो उन्होंने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी ज्यादा सुरक्षा देगी, लेकिन वहीं वैज्ञानिकों का मानना यह भी है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल आसान नहीं होगा। इसका कारण है कि फाइजर की वैक्सीन को बहुत ही ज्यादा ठंडे तापमान (माइनस 70 डिग्री) पर रखा जा सकता है ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश में इसकी संभावना काफी कम है क्योंकि वैक्सीन को भारत जैसे देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान नहीं होगा।
मॉडर्ना की वैक्सीन को ठंडे तापमान में रखने की जरूरत नहीं
वहीं दूसरी ओर बात अगर मॉडर्ना की वैक्सीन की करें तो उसे बहुत ज्यादा ठंडे तापमान में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन के लिए रेफ्रीजरेट किया जाता है। इतना ही नहीं इसे घर में मौजूद फ्रिज के फ्रीजर में ही 6 महीने तक बिना खराब हुए रखा जा सकेगा। ऐसे में इसका इस्तेमाल भारत और दूसरे विकासशील देशों में आसान होगा ।
वहीं अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मॉडर्ना फाइजर की वैक्सीन की तुलना में फायदेमंद रहेगी क्योंकि यह -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में 6 महीने तक और कमरे के सामान्य तापमान में 24 घंटे तक सेफ रह सकती है।