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टोक्यों ओलंपिक: विदेश पहुंची मैरी कॉम नहीं भूलीं भारतीय परंपरा, ब्रेकफास्ट से पहले किया 'नमस्कार'

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 19 Jul, 2021 03:57 PM
टोक्यों ओलंपिक: विदेश पहुंची मैरी कॉम नहीं भूलीं भारतीय परंपरा, ब्रेकफास्ट से पहले किया 'नमस्कार'

टोक्यो ओलंपिक शुरू होने में अब सिर्फ 4 दिन ही बाकी हैं। खेलों का महाकुंभ यानि की ओलंपिक 2021 इस बार जापान के टोक्यों में खेला जाएगा, जिसकी शुरूआत 23 जुलाई को होगी। वहीं भारत के सभी क्वालीफाइड खिलाड़ी अपना दम दिखाने जापान के टोक्यो शहर पहुंच चुके हैं। वहीं इस दौरान जापान में भारत की मुक्केबाज खिलाड़ी एमसी मैरी कॉम ने भारतीय परंपरा की एक झलक दिखाई, जिसे लोग सोशल मीडिया पर खूब पसंद कर रहे हैं।  

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विदेश में भी मैरी कॉम नहीं भूलीं भारतीय परंपरा

दरअसल, मुक्केबाज खिलाड़ी मैरी कॉम ने सोशल मीडिया ट्विटर पर टोक्यों से अपनी एक फोटो  शेयर की है जिसमें वह अपने सुबह का नाश्ता लेती हुईं दिखाई दे रही हैं लेकिन इस बीच वह हमारी भरतीय परंपरा के अनुसार भोजन को नमस्कार करना नहीं भूलीं, नाश्ता करने से पहले मैरी ने दोनों हाथ जोड़ पहले भोजन को माथा टेका और फिर अपना नाश्ता ग्रहण किया। मैरी की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं जिसे लोग खूब पसंद भी कर रहे हैं, पराए देश में भी अपनी परंपरा को कैसे कायम रखना चाहिए इस बात का संदेश मैरी ने पूरे देश को दिया, जिसकी लोग खूब सरहाना कर रहे हैं। 

वहीं ओलंपिक की बात करे तो इस बार देश को पहले के मुताबिक अधिक उम्मीद है कि भारत के एथलीट देश को रियो ओलंपिक की अपेक्षा ज्यादा पदक दिलाएंगे। 

भारत को सबसे ज्यादा पदक जीतने की उम्मीद मुक्केबाजी से है
बतां दें कि भारत को सबसे ज्यादा पदक जीतने की उम्मीद मुक्केबाजी से है। टोक्यो ओलंपिक में देश के नौ मुक्केबाज भाग लेंगे जिससे पहली बार इस खेल में पदक की सबसे अधिक उम्मीदें लगाई जा रही हैं। भारत के पांच पुरुष और चार महिला मुक्केबाज 24 जुलाई से सूमो कुश्ती स्थल रियोगोकु कोकुजिकान में अपना दम  दिखाएंगे। 

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38 वर्षीय एमसी मैरी कॉम युवा प्रतिद्वंद्वियों का करेंगी सामना
38 वर्षीय एमसी मैरी कॉम को भारतीय मुक्केबाजी में किसी परिचय की जरूरत नहीं है। मैरी की निगाह दूसरे ओलंपिक पदक पर टिकी हैं। बतां दे कि मैरी कॉम के नाम पर पहले से ही अनगिनत उपलब्धियां दर्ज हैं। वह 6 बार की विश्व चैंपियन है और लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीत चुकी है। वह पिछले दो दशक से भी ज्यादा समय में रिंग में बनी हुई हैं। वहीं अब देखना होगा कि वह अपनी युवा प्रतिद्वंद्वियों का सामना कैसे करती हैं। बतां दें कि मैरी भारत के दो ध्वजवाहकों में से एक है। 
 

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