29 APRMONDAY2024 10:00:30 AM
Nari

भारत में भी बढ़ रहा Halloween का ट्रेंड, जानें क्यों और कैसे हुई इस दिन की शुरूआत

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 27 Oct, 2021 02:07 PM
भारत में भी बढ़ रहा Halloween का ट्रेंड, जानें क्यों और कैसे हुई इस दिन की शुरूआत

हैलोवीन डे हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसे हैलोमास, ऑल हैलोवीन, ऑल हैलोज़ ईव या ऑल सेंट्स ईव भी कहा जाता है। इतिहासकारों का मानना ​​है कि हैलोवीन मनाने की परंपरा एक प्राचीन सेल्टिक त्योहार से उत्पन्न हुई थी, जहां लोग भूतों को भगाने के लिए आग जलाते थे और वेशभूषा पहनते थे। बस तभी से आज तक, हैलोवीन परंपरा जारी है।

हैलोवीन का इतिहास

हैलोवीन शब्द का इस्तेमाल पहली बार 16वीं शताब्दी में किया गया, जो हैलोवीन के Scottish ढंग को पेश करता है। इसे All-Hallows'-Even ("evening") कहते है, जिसका मतलब 'हैलोवीन की रात के पहले' है।

PunjabKesari

क्यों मनाया जाता है Halloween Day?

अब सिर्फ ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, मेक्सिको जैसे पश्चिमी देशों में ही नहीं बल्कि भारत जैसे देशों ने भी हैलोवीन मनाना शुरू कर दिया है। खासकर मुंबई में लोग हैलोवीन दिवस पर हाउस पार्टी रखती हैं। बच्चे इस दिन घर-घर जाकर Happy Halloween विश करते हैं और चॉकलेट्स या कैंडी लेते हैं।

किसने की शुरूआत?

हैलोवीन मनाने की शुरुआत सबसे पहले आयरलैंड और स्‍कॉटलैंड ने की थी। ईसाई समुदाय के लोगों में हैलोवीन को लेकर मान्‍यता है कि भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्‍माओं को शांति मिलती है। वहीं, यह दिन 'सेल्टिक कैलेंडर' का आखिरी दिन होता है इसलिए सेल्टिक लोग इसे नए साल के रूप में भी मनाते हैं।

PunjabKesari

ऐसे हुई 'हैलोवीन डे' की शुरूआत

मान्यता थी कि इस दिन बुरी आत्माएं धरती पर आकर फसल को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में उन्हें फसलों से दूर रखने के लिए वह खुद ही डरावना रूप अख्तियार कर लेते थे। धीरे-धीरे यह दिन त्योहार और मौज-मस्ती के के रूप में मनाया जाने लगा।

ऐसे सेलिब्रेट किया जाता है यह दिन

. इरिश लोक कथाओं के अनुसार, हेलोवीन पर जैक ओ-लैंटर्न बनाने का रिवाज है। लोग खोखले कद्दू में आंख, नाक और मुंह बनाकर अंदर मोमबत्ती रखते हैं। फिर उसके जमा करके दफना दिया जाता है।
. इस फेस्टिवल के दौरान लोग डरावने कपड़े पहनकर घर-घर जाते हैं और कैंडी व चॉकलेट्स बांटते हैं।
. स्कॉटलैंड में इस फेस्टिवल को डूंकिंग भी कहा जाता है, जिसमें प्रतिभागी पानी में तैरते सेब को दांतों से निकालते हैं।

Related News