आज ईसाईयों का खास ईस्टर पर्व है। इस शुभ दिन को ईसाई लोग एक साथ चर्च में मनाते हैं। यह पर्व गुड़ फ्राइडे के तीसरे दिन यानी रविवार को मनाया जाता है। कहा जाता है कि प्रभु यीशू को सूली पर लटकाने के ठीक तीसरे दिन वे पुनर्जीवित हो गए थे। उस दिन रविवार होने पर इस दिन को ईस्टर संडे के तौर पर सेलिब्रेट करने की प्रथा है।
ईस्टर पर्व मनाने का कारण
मान्यता है कि ईस्टर पर्व से 40 दिनों तक ईसा मसीह अपने शिष्यों के साथ रहे थे। ऐसे में लोग इस त्योहार को पूरे 40 दिनों तक बड़ी धूमधाम से मनाते है। इस दौरान Easter Bunny और Easter Egg को विशेष स्थान दिया गया है। तो चलिए आज हम आपको ईस्टर के साथ इनका क्या क्नेशन है उसके बारे में बताते हैं।
ईस्टर से अंडे का कनेक्शन
ईसाई धर्म के लोग अंडे को भविष्य के लिए शुभ मानते हैं। उनका मानना है कि ये आने वाले शुभ दिनों की शुरुआत करते हैं। ऐसे में ये लोग इस खास दिन पर अपने फैमिली व रिश्तेदारों को तोहफे के तौर पर अंडे देते हैं। वे इन अंडों को सुंदर व कलरफुल तरीके से सजाकर खुशहाली व नए जीवन का संदेश देते हैं। ईसाईयों का मानना है कि अंडे से जो नया जीव आता है, वह हमें भविष्य में नई शुरुआत करने का संदेश देता है।
ईस्टर बनी का कनेक्शन
वैसे तो बाइबल में ईस्टर से जुड़ा किसी खरगोश के बारे में जानकारी नहीं है। मगर फिर भी यह इसके साथ जुड़ा है। बात अगर खरगोश की करें तो यह प्रजनन और नए जीवन की शुरुआत का एक प्राचीन प्रतीक माना जाता है। वैसे तो इसका कनेक्शन 17 वीं सदीं से माना गया है। बाद में अमेरिका व जर्मन के लोगों द्वारा मनाया गया है। साथ ही अब पूरी दुनिया में इसे बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। इस परंपरा की शुरुआत जर्मन के लोगों द्वारा की गई थी। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक बड़ी उत्साहित से मनाया जाता है। उन्होंने अंडों के साथ ईस्टर बनी के लिए घोंसले बनाने की भी शुरुआत है। ऐसे में यह परंपरा अमेरिका में भी प्रचलित हो गई।
ईस्टर पर्व मनाने का तरीका
- इस पर्व को मनाने के लिए लोग चर्च में प्रार्थना करते हैं। लोग एक साथ मिलकर अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।
- इस दौरान व्रत रखने की भी परंपरा है।
- सभी चर्चों को खासतौर पर सजाया जाता है। लोग चर्च व अपने घरों में कैंडल जलाते हैं।
- एक साथ मिलकर बाइबल को पढ़ते हैं।