सपने तो हर कोई देखता है पर उन्हें पूरा करने का दम उन्हीं के पास होता है जो सपनों को सच बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया इरा सिंघल का। इरा दिव्यांग हैं, उन्हें स्कोलियोसिस है, जो रीढ़ से संबंधित डिसेबिलिटी है, जो उनकी बाजू से जुड़ा हुआ है। इसके बावजूद उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी क्रेक करके civil servant बनने का सपना देखा और उसे पूरा भी किया। ऐसे करने वाली वो देश की पहली विकलांग महिला महिला बन गई। आइए आपको बताते हैं इरा सिंघल के बारे में...
कैडबरी इंडिया में बतौर स्ट्रेटजी मैनेजर कर चुकी हैं काम
उत्तर प्रदेश के मेरठ की इरा सिंघल हमेशा से यूपीएससी एस्पिरेंट रही हैं। शुरुआती पढ़ाई सोफिया गर्ल्स स्कूल से करने के बाद , उन्होंने दिल्ली के नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्वनोलॉजी से बीटेक किया और आगे जाकर डीयू से एमबीए की पढ़ाई की। इतना ही नहीं, बाद में कोका कोला कंपनी में मार्केटिंग इंटर्न और इसके बाद कैडबरी इंडिया में बतौर स्ट्रेटजी मैनेजर भी काम किया है।
यूं बनी IAS टॉप करने वाली पहली विकलांग महिला
इरा ने बचपन में कई बारे अपने जिले में कर्फ्यू देखा था। हर बार उन्हें बताया जाता है कर्फ्यू डीएम के आदेश से दिया गया है। इससे उन्हें ये बात समझ आई कि डीएम बहुत ही शक्तिशाली व्यक्ति होता है। बय यहीं से इरा ने ठान ली कि वो यूपीएससी की तैयारी करेंगी। हालांकि इस दौरान लोगों ने उन्हें discourage किया और इरा की योग्यता पर शक भी किया। लेकिन इरा ने इन सब बातों पर गौर न करते हुए बस अपनी मंजिल पर फोकस रखा । नतीजा ये हुआ कि वो साल 2010, 2011 और 2013 में यूपीएससी परीक्षा पास कर गईं। तीनों बार उनका चयन आईआरएस के पद पर हुआ। हालांकि 62 फीसदी लोकोमोटर दिव्यांगता के चलते उन्हें जॉब ज्वाइन करने नहीं दी गई। इरा ने फिर भी हार नहीं मानी, उन्होंने इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और साल 2014 में केस जीतकर आईआरएस का पद हासिल कर लिया। ईरा की ये कहानी हर उस महिवा के लिए प्रेरणा है जो जिंदगी में कुछ कर दिखाना चाहती है। वे विकलांगता विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय और नीति आयोग का ब्रांड एंबेसडर भी हैं।