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नारी शक्ति: पोलियो ग्रस्त भाविना ने रचा इतिहास, टोक्यो पैरालंपिक फाइनल में किया क्वालिफाई

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 28 Aug, 2021 11:58 AM
नारी शक्ति: पोलियो ग्रस्त भाविना ने रचा इतिहास, टोक्यो पैरालंपिक फाइनल में किया क्वालिफाई

टोक्यो पैरालंपिक में एक बार फिर से नारी शक्ति देखने को मिली। जिंदगी की कठिनाओं से लड़ते हुए भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल टोक्यो पैरालंपिक के फाइनल में पहुंच गई है। भाविना ने सेमीफाइनल में चीन की मिआओ झैंग को 3-2 से हराया। उन्होंने दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी को 7-11 11-7 11-4 9-11 11-8 से हराया। यह मुकाबला 34 मिनट तक चला। भाविना अब गोल्ड से बस एक कदम दूर हैं।  

बता दें कि ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में अब तक कोई भी भारतीय महिला गोल्ड नहीं जीत सकी है और अब भाविना के पास गोल्ड जीतने का यह सुनहरा मौका है।  आईए जानते हैं भाविना के पैरालंपिक के सफर के बारे में-
 

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भाविना को 12 महीनें की उम्र में ही हो गया था पोलियो 
गुजरात के वडनगर में जन्मीं भाविना के पैरालंपिक तक का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने पोलियो को मात देते हुए इस मुकाम को हासिल किया है। भाविना को 12 महीनें की उम्र में ही पोलियो हो गया था। जब भाविना चौथी क्लास में पहुंची तो उनके माता-पिता सर्जरी के लिए आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम ले गए. जहां  भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के अनुसार शुरुआत में भाविना ने पोलियो रोग की गंभीरता को अनदेखा किया और उचित देखभाल नहीं की, जिसके चलते उनकी स्थिति और गंभीर हो गई। 

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कोच ललन दोषी से फिटनेस ट्रेनिंग लेने के बाद टेबल टेनिस खेल को बनाया अपना जुनून
भाविना ने अपने गांव में ही कक्षा 12 तक की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद उनके पिता ने साल 2004 में ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन, अहमदाबाद में एडमिशन करवाया।  यहां पर भाविना ने तेजलबेन लाखिया की देखरेख में एक कंप्यूटर कोर्स किया और गुजरात विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट की। यहीं से भाविना की खेल में रूची पैदा हुई और अपने कोच ललन दोषी से फिटनेस ट्रेनिंग लेनी शुरू की और धीरे-धीरे टेबल टेनिस खेल उनका जुनून बन गया।

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2007 में भाविना ने बेंगलुरू में पैरा टेबल टेनिस नेशनल में जीता था गोल्ड मेडल 
तीन साल बाद 2007 में भाविना ने बेंगलुरू में पैरा टेबल टेनिस नेशनल में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत जॉर्डन से की थी। वहीं इसके बाद भाविना ने पहला अंतरराष्ट्रीय सिल्वर मेडल साल 2011 में थाईलैंड ओपन में जीता। इसके बाद उन्होंने 2013 में पहली बार एशियाई क्षेत्रीय चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल जीत देश का नाम रोशन किया।

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टोक्यो पैरालिंपिक 2020 क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं भाविना पटेल
खेल के जज्बे को कायम रखते हुए भाविना ने सिंगल्स में जीत हासिल करने के बाद डबल्स में भी प्रैक्टिस की।  डबल्स में उन्होंने सोनलबेन पटेल को अपना जोड़ीदार बनाया इतना ही नहीं भाविना ने आखिरकार 2019 में बैंकॉक में सिंगल्स में अपना पहला गोल्ड जीता और डबल्स में भी उन्होंने गोल्ड अपने नाम किया। भाविना को रियो 2016 पैरालंपिक खेलों के लिए भी चुना गया था, लेकिन साई के अनुसार तकनीकी कारणों से खेल नहीं पाई, लेकिन उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई किया और शानदार प्रदर्शन कर सिल्वर अपने नाम कर लिया वहीं गोल्ड के लिए भी भाविना दावेदार बनीं हुई हैं।


 

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