आज भारत को आजाद हुए 74 साल हो गए हैं। इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर 7वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस बार कोरोना महामारी संकट के चलते स्कूल के बच्चों को नहीं बुलाया गया। वहीं इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 86 मिनट के भाषण में 30 बार आत्मनिर्भर शब्द का इस्तेमाल किया।
आत्मनिर्भर भारत बनना जरूरी
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हर भारतवासी के मन और दिमाग में सिर्फ आत्मनिर्भर भारत छाया हुआ है। हम इस सपने को आज संकल्प में बदलते हुए देख रहे हैं। आज ये 130 करोड़ देशवासियों के लिए एक मंत्र है। उन्होंने गे कहा कि आज भारत की आजादी के इतने साल बाद अब आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि उन्हें देश की प्रतिभा पर गर्व है।
वोकल फाॅर लोकल
पीएम मोदी आगे कहते हैं कि कोरोना के संकट में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया से चीजें नहीं मिल पा रही हैं। पहले इस देश में एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर नहीं बनते थे। लेकिन आज ये सब यहां बनने लगे हैं। आज हम यह देख सकते हैं कि आत्मनिर्भर भारत कैसे दुनिया की मदद करता है। पीएम मोदी ने कहा आजाद भारत की मानसिकता वोकल फाॅर लोकल होनी चाहिए। हमें मिलकर संकल्प लेना है कि 75 साल की तरफ अब हम बढ़ गए हैं। अब हमें वोकल फाॅर लोकल का मंत्र अपनाना चाहिए।
आत्मनिर्भर किसान
पीएम मोदी ने अपने भाषण में आगे कहा कि आत्मनिर्भर किसान और आत्मनिर्भर कृषि पहले प्राथमिकता है। जिस तरह कपड़ा और साबुन बनाकर देश में कहीं भी बेच सकते हैं। उसी तरह किसान अपनी मर्जी से कुछ नहीं बेच सकता। लेकिन अब किसान दुनिया के किसी भी कोने में बिना किसी शर्तों के कुछ भी बेच सकता है।
आजादी के वीरों को नमन
आजादी के इस मौके पर पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम जिस स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं उसके पीछे लाखों बेटों और बेटियों का बलिदान है। भारत की सेना और अर्धसानिक बलों के जवान, पुलिस, सुरक्षाबल हर कोई भारत मां की रक्षा में जुटे हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के इस संकट में वह कोरोना वाॅरियर्स को नमन करते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में इस समय 3 कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग अलग-अलग चरणों में है। वैज्ञालिकों से हरी झंडी मिलने के बाद वैक्सीन का बड़े स्तर पर प्रोडक्शन किया जाएगा।
इस बार आए सिर्फ 4000 मेहमान
इस साल स्वतंत्रता दिवस पर नेताओं, अफसर, मीजियाकर्मी समेत 4000 के करीब लोगों को बुलाया गया। वहीं पिछले साल आजादी दिवस पर लगभग 10,000 लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए समारोह में आए थे। कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर खास इंतजाम किए गए हैं। वहीं इस बार स्कूली बच्चों को ना बुलाकर उनकी जगह उन 1500 लोगों को शामिल किया गया जिन्होंने कोरोना से जंग जीती है।