अबू धाबी में सहिष्णुता और धार्मिक सछ्वाव को बढ़ावा देने की दिशा में पहला हिन्दू मंदिर बनने जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं। अबू धाबी और दुबई राज्यों के बीच स्थित, हिंदू मंदिर मुख्य रूप से ‘बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था' (बीएपीएस) से संबंधित है। इस मंदिर को पूरी तरह बनाने में 18 लाख ईंट का इस्तेमाल किया गया है।
बीएपीएस हिंदू मंदिर परियोजना के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने मंदिर के ऐतिहासिक महत्व, निर्माण प्रक्रिया और वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि- 'यह हिंदुओं के लिए पूजा स्थल है। बीएपीएस हिंदू मंदिर का मूल विचार इस धरती पर सछ्वाव को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सछ्वाव के लिए एक आध्यात्मिक नखलिस्तान है।'' अबू धाबी सरकार द्वारा उदार भूमि उपहार के बाद इस मंदिर का निर्माण 2018 में शुरू हुआ।
इस मंदिर में भारत के राजस्थान के गुलाबी पत्थर और इटली के सफेद संगमरमर से बने खंभे हैं। यूएई की भीषण गर्मी से इन पत्थरों को कुछ नहीं होगा।संयुक्त अरब अमीरात के सात देशों अनुरूप मंदिर में सात टावर शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक मूर्तियों के माध्यम से विभिन्न विश्व धर्मों की कहानियां प्रस्तुत करता है। परिसर में एक आगंतुक केंद्र, प्रार्थना कक्ष, प्रदर्शनी हॉल, शिक्षण केंद्र, बच्चों के खेल का क्षेत्र, छोटा बगीचा, फूड कोर्ट, किताबों की दुकान और उपहार केंद्र भी बनाया गया है।
खबरों की मानें तो इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च हुई। इस मंदिर क्षेत्र का निर्माण 27 एकड़ भूमि पर हुआ है। इस मंदिर में बनाए गए डिजाइन में हिंदू संस्कृति की बेमिशाल झलक देखने को मिलती है। भारतीय कारीगरों द्वारा इसकी नक्काशी काफी शानदार की गई है। बता दें कि इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात में दो हिंदू मंदिर और भी हैं हालांकि इन मंदिरों का निर्माण नहीं किया गया था। ऐसे में यह संयुक्त अरब अमीरात में बनाया गया पहला हिंदू मंदिर होगा।