बहुत कम महिलाओं को हर्निया के बारे में जानकारी होती है। कई लोगों को ये पता नहीं चल पाता कि ये बीमारी है क्या और कैसे होती है। हर्निया पांच तरह के होते हैं- इनगुइनल हर्निया, हाइटल हर्निया, अम्बिलिकल हर्निया, इंसिज़नल हर्निया और स्पोर्ट्स हर्निया। ब्रिटिश हर्निया सैंटर की मानें तो 70% हर्निया के मामले 'इनगुइनल हर्निया' ही होते हैं। आइए जानते हैं हर्निया के बारे में-
क्या होता है हर्निया
जब पेट में कोई अंग या मांसपेशी या फिर कोई ऊतक किसी तरह की छेद की सहायता से बाहर आने लगते हैं तो उसे हर्निया कहते हैं।
पेट में हर्निया होना आम है। कभी-कभी यह जांघ के ऊपरी हिस्से, बीच पेट में, नाभी , कमर के आस-पास और पेट और जांघ के बीच के भाग में भी होने लगते हैं। ज्यातादर हर्निया घातक नहीं होते। लेकिन इन्हें ठीक करने के लिए सर्जरी ही करनी पड़ती है।
कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक, उन लोगों में हर्निया की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है जिन्होंने ज्यादा वजन उठाया होता है। या फिर किसी गहरी चोट के संपर्क में आए होते हैं। किसी-किसी को ऑप्रेशन के बाद भी ये हो सकता है। इसके अलावा लंबे समय से कब्ज या खांसी की समस्या से जूझ रहीं महिलाओं में यह समस्या हो सकती है। गर्भवती महिलाओं में भी हर्निया की संभावना हो सकती है। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े रहने से भी हर्निया हो सकता है।
लक्षण
-पेट के निचले हिस्से में सूजन
-पेट साफ न रहना
- मल से खून आना
- सीने में दर्द रहना
- काम न कर पाना
- तेजी से वजन बढ़ना
- पेशाब करने में कठिनाई
उपचार
हर्निया के इलाज के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपना वजन कम करें। स्वस्थ आहार लें। हरी और पत्तेदार सब्जियां और फलों का सेवन करें।कब्ज की समस्या है तो उसे ठीक करें। मल त्याग और पेशाब के दौरान ज्यादा जोर न लगाएं। नियमित व्यायाम करें। किसी भारी वस्तु को उठाने से बचें। बार-बार खांसी आती है तो डॉक्टर को दिखाएं। धूम्रपान से बचें। हर्निया के शुरूआती लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी बीमारी की तरह हर्निया के भी कई लक्षण होते हैं। अगर हम इन लक्षणों पर ध्यान दें तो हर्निया को बढ़ने से पहले ही रोका जा सकता है।