आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते हर कोई बीमारियों की चपेट में आ रहा हैं। ऐसे में अपने खानपान का विशेष ध्यान रखने के साथ अपनी डेली रूटीन में भी कुछ बदलाव लाने की जरूरत है। ताकि सेहदतमंद रहा जा सके। इसके लिए सबसे पहले अपनी दिल की सेहत की ओर ध्यान रखने की जरूरत है। असल में, दिल स्वास्थ्य रहेगा तभी व्यक्ति अच्छी जिंदगी जी पाएंगा। ऐसे में अपनी डेली रूटीन में कुछ देर योगा करके शरीर को तंदरूस्त व चुस्त बनाया जा सकता है। साथ ही रोजाना योगा करने से बुढ़ापे में शरीर संबंधित होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी। तो चलिए आज हम आपको 5 ऐसे योगासन बताते हैं जिसे रोजाना करने से आपके दिल को मजबूती मिलेगी। ये सभी आसन करने में बेहद आसान होने से इसे बच्चे हो या बूढ़े हर कोई आसानी से कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उन आसनों के बारे में...
ताड़ासन
सभी आसन में से इसे करने काफी आसान माना जाता है। रोजाना खुली हवा में ताड़ासन करने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है। दिल को मजबूती मिलती है। इस आसन को करते समय सांस को गहराई से लिया जाता है। ऐसे में फेफड़ें अच्छे से फैलते है और उनकी सफाई होती है। इसके चलते सांस से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलती है। इस आसन को करने के लिए सीधी मुद्रा में खड़े होकर अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए पूरे शरीर को खींचें। आप चाहे तो अपनी एड़ियों को भी ऊपर की ओर उठा सकते हैं। फिर इसी मुद्रा में करीब 2 से 4 मिनट रहने के बाद गहरी सांस लेते हुए साधारण मुद्रा में वापिस आ जाए।
त्रिकोणासन
इस आसन को रोजाना करने से दिल की सेहत बेहतर होती है। शरीर को सही वजन मिलने के साथ तनाव कम होने में मदद मिलती है। इस आसन को करने में गहरी सांस ली जाती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों के लिए यह आसन काफी फायदेमंद होता है। त्रिकोणासन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। उसके बाद पैरों में दूरी बनाते हुए फैलाएं। अब धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी को मोड़ते हुए नीचे की ओर झुके और अपने बाए हाथ से पैर को टच करें। उसके बाद अपने दाहिना हाथ को ऊपर की ओर सीधा करें। साथ ही अपने सिर को ऊपर की ओर करते हुए दाहिने हाथ को देखें। इसी मुद्रा में करीब 15 से 20 सेकेंड तक रहें फिर सीधे खड़े हो जाएं। उसके बाद इसी विधि को दूसरी ओर से करें।
वृक्षासन
इस आसन को करने से शरीर को बैलेंस बनाने में मदद मिलती है। कंधे चौड़े होने के साथ सांस से जुड़ी परेशानी दूर होती है। शरीर के सभी अंगों को सही मात्रा में खून मिलने से दिल को बेहतर तरीके से काम करने में शक्ति मिलती है। साथ ही इस आसन में वृक्ष की तरह सीधी मुद्रा में खड़े होने के कारण एकाग्रता शक्ति बढ़ने में मदद मिलती है। इस आसन को करने के लिए सबे पहले बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं। उसके बाद दाहिने घुटनें को मोड़ते हुए दाहिने पंजे को बाएं जंघा पर धीरे से रखें। उसके बाद अपने हाथों को ऊपर की तरफ करते हुए नमस्ते की मुद्रा में जोड़ें। ऐसे में शरीर का सारा भाग बाएं पैर पर होने के चलते उसे एकदम सीधे रखते हुए बैलेंस बनाए।
सेतुबंधासन
इस आसन को करने से लंबी सांस ली जाती है। ऐसे में सांस से संबंधित परेशानियां दूर होती है। छाती के पास खून का प्रवाह सही तरीके से होने में मदद मिलती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। उसके बाद दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें। अब अपने हाथों को जमीन से हटाकर अपने पैरों को पकड़ते हुए पैरों को अंदर की ओर मोड़ते हुए पैर के तलवों को जमीन पर लगाएं। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए कमर को अपनी क्षमता के मुताबिक ऊपर की तरफ उठाते हुए अपने शरीर को सेतु या पुल के आकार में ले आए। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए 10 से 30 सेकेंड तक इसी अवस्था में रहें। उसके बाद सांस छोड़ते हुए वापिस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन को करने से शरीर में खून का संचार बेहतर तरीके से होता है। तनाव कम होने के साथ मन को अंदर से शांति मिलती है। इस आसन को करने से पीठ में खिंचाव होता है। ऐसे में कमर, कंधे, बाजू, मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। दिल बेहतर तरीके से काम करता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों को कम से कम 4 फीट की दूरी पर रखें। अब धीरे-धीरे बाएं पैर को हल्का बाएं तरफ मोड़ते हुए दाएं पैर को आगे की ओर बढ़ाए और दोनों पैरों को थोडा़ सा मोड़ लेें। अब अपने हाथों को नमस्ते की मुद्रा में रखते हुए ऊपर की तरफ करें । अब इसी स्थिति में कुछ देर रहने के बाद साधारण अवस्था में आ जाएं।