हिंदू धर्म में सभी एकादशी तिथियों में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस भगवान विष्णु चार मास की योगनिद्रा से जागते हैं। इसके साथ ही इसी दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन से सभी मंगल काम करने आरंभ हो जाते हैं। इस साल यह शुभ तिथि 14-15 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर कुंवारी कन्याओं द्वारा कुछ खास उपाय करने से उनके विवाह योग बनन लगते हैं। इसके साथ ही उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है। वहीं सुहागिन महिलाओं के वैवाहिक जीवन में मिठास बनी रहती है। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में...
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए
तुलसी विवाह के दिन सात साबुत हल्दी की गांठें, चने की दाल, गुड़ और केसर पीले कपड़े में बांधकर लें। अब इसे भगवान विष्णु जी के मंदिर जाकर उन्हें चढ़ाएं। मान्यता है कि इस उपाय से जल्दी ही विवाह के योग बनने लगते हैं।
चमेली के तेल का जलाएं दीपक
इस शुभ दिन पर तुलसी जी के पास चमेली के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है और सुयोग्य वर मिलता है।
मनचाहा साथी पाने के लिए
तुलसी विवाह के शुभ दिन पर अपने कक्ष में राधा-कृष्ण की तस्वीर लगाएं। माना जाता है कि इस उपाय से मनचाहा साथी मिलता है।
पारिवारिक जीवन बनेगा सुखद
तुलसी विवाह की शाम तुलसी जी के पौधे के पास गाय के घी या सरसों तेल का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ऐसा करने से घर-परिवार में चल रही बाधाएं दूर होती है। घर में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का वास होता है।
सुहागिन स्त्री को दान करें शृंगार
इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में मधुरता और प्रेम बनाए रखने के लिए माता तुलसी को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। बाद में उस सामान कोकिसी सुहागिन स्त्री को दान कर दें।