छोटे से लेकर बड़े सभी आजकल सभी फोन के आदि हो गए हैं। फोन ने मिले तो उन्हें तसल्ली नहीं मिलती। खासतौर पर बच्चे तो फोन के इतना शिकार हो रहे हैं कि इसे देखे बिन खाना ही नहीं खाते। वहीं माएं भी अक्सर बच्चों को खाना खिलाने के लिए फोन पकड़ा देती हैं। परंतु यदि बच्चे फोन देखते हुए खाना खाते हैं तो इससे उनके मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। तो चलिए आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं कि बच्चों को फोन दिखाकर खाना खिलाने से और क्या-क्या नुकसान होंगे।
एडिक्शन
यदि बच्चों को खाना खिलाते समय रोज फोन दिखाया जाए तो इससे उन पर बुरा असर पड़ता है। बच्चों को इसका एडिक्शन हो सकता है। यहां तक कि यदि आप छोटे बच्चों को ऐसे ही खाना खिलाते हैं तो उन्हें खाना खाने का यही तरीका लग सकता है।
फैमिली बॉन्ड नहीं बनेगा
डिनर, लंच या ब्रेकफास्ट के टाइम यदि बच्चे फोन ही देखते रहेंगे तो वह परिवार का महत्व नहीं समझ पाएंगे। क्योंकि हर समय वह फोन पर व्यस्त रहेंगे। इस तरह बच्चे पेरेंट्स से दूर हो जाएंगे। पेरेंट्स ही नहीं बल्कि बच्चे बाकी पारिवारिक सदस्यों के साथ भी नहीं जुड़ पाएंगे।
खा सकते हैं कम या ज्यादा खाना
जब ध्यान खाने पर होगा तो पता होता है कि कितना खाना खाना है लेकिन वहीं यदि ध्यान फोन पर होगा तो बच्चे समझ नहीं पाएंगे कि उन्हें कितनी मात्रा में खाना खाना है। इसके कारण वह ओवरइटिंग कर सकते हैं। ओवरइटिंग करने से बच्चे छोटी उम्र में ही मोटापा का शिकार हो सकते हैं।
मेंटल हेल्थ होगी खराब
ज्यादा फोन देने से बच्चों की मेंटल हेल्थ भी खराब हो सकती है क्योंकि फोन पर ज्यादा दिमाग लगने के कारण उनका विकास रुक जाता है ऐसे में इसका सीधा असर उनकी मेंटल हेल्थ पर पड़ेगा। ज्यादा फोन देखने के कारण बच्चों को डिप्रेशन, नींद पूरी न होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आंखों की रोशनी होगी कमजोर
फोन से निकलने वाली लाइट बच्चों की आंखों पर असर डालती है ऐसे में उन्हें आंखों में दर्द, सिरदर्द, आंखों में ड्राईनेस जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
बच्चों को खाना खिलाते हुए क्या करें?
ऐसे में कोशिश करें कि बच्चों को खाना खाते समय फोन न दें। यदि बच्चे फोन मांगते हैं तो उन्हें बातों में उलझाएं। खाना खिलाते हुए उनके साथ ढेर सारी बातें करें। खाने में उन्हें क्या अच्छा लगता है यह पूछें। इसके अलावा खुद भी फोन से दूर रहें क्योंकि बच्चे हमेशा वही करते हैं जो उनके पेरेंट्स करते हैं।