नारी डेस्क: गुस्सा बच्चों में एक आम भावना है, लेकिन जब यह ज्यादा और बार-बार होने लगे, तो यह चिंता का कारण बन सकता है। बच्चों का गुस्सा उनके बिहेवियर का हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे सही दिशा में मोड़ने की जरुरत होती है ताकि उनका मानसिक और भावनात्मक विकास अच्छे तरीके से हो सके। यदि आपका बच्चा हमेशा गुस्से में रहता है, तो आपको उसे कुछ पॉजिटिव आदतें सिखानी चाहिए, जो उसकी इमोशन्स को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। यहां हम पांच ऐसी आदतों के बारे में बताएंगे जिन्हें आप अपने बच्चे को सिखा सकते हैं, जिससे उसका बिहेवियर सुधर सकता है और उसे गुस्से को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
भावनाओं को पहचानना और व्यक्त करना
कभी-कभी बच्चों को यह नहीं पता होता कि उनका गुस्सा क्यों आ रहा है। उन्हें यह समझाना जरूरी है कि गुस्सा एक भावना है, और यह महसूस करना भी ठीक है, लेकिन इसे सही तरीके से व्यक्त करना चाहिए। बच्चे को यह सिखाएं कि वे अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करें। जैसे, "मैं गुस्से में हूं क्योंकि वह खिलौना मुझे नहीं दे रहा।" इस तरह से बच्चे को अपनी भावनाओं को पहचानने और सही तरीके से व्यक्त करने का अभ्यास होगा। बच्चों के साथ बैठकर बातचीत करें और उन्हें यह सिखाएं कि कैसे अपनी भावनाओं को समझें और व्यक्त करें।
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गुस्सा शांत करना सिखाएं
वहीं, बच्चा जब गुस्से में हो तो उसे शांत होना सिखाएं। जैसे गहरी सांस लेना, एकांत में शांति से बैठने के लिए कहें या फिर पानी पीने के लिए कहें। ये सारे तरीके आपके बच्चे के गुस्से को शांत करेंगे। जब बच्चा गुस्से में होता है, तो उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। गुस्से को शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है गहरी सांस लेना। बच्चे को यह सिखाएं कि जब भी उसे गुस्सा आए, वह गहरी सांसें ले। इसे एक खेल की तरह बनाएं, जैसे "एक, दो, तीन, चार" गिनती करते हुए गहरी सांसें लेना।
पॉजिटिव रिवॉर्ड सिस्टम
बच्चों को अच्छे बिहेवियर के लिए प्रेरित करने के लिए एक पॉजिटिव रिवॉर्ड सिस्टम का इस्तेमाल करें। जब आपका बच्चा गुस्से को शांत करने में सफल होता है, तो उसकी सराहना करें और उसे किसी छोटे इनाम से उत्साहित करें। इससे बच्चे को यह समझ में आता है कि गुस्से पर काबू पाना अच्छा है और वह इसे दोहराने का प्रयास करेगा। बच्चों को छोटे इनाम दें जैसे उनकी पसंदीदा स्टोरी, एक कप चॉकलेट, या एक स्टीकर, जब वे गुस्से को काबू करने में सफल होते हैं।
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फिजिकल एक्टिविटीज़ में भागीदारी
कभी-कभी बच्चों का गुस्सा उनकी एनेर्जी के कारण भी बढ़ सकता है। उन्हें रोजाना फिजिकल एक्टिविटीज़ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। खेल, दौड़ना, या साइकिल चलाना जैसी गतिविधियां न केवल उनके शरीर को स्वस्थ रखती हैं, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करती हैं। जब बच्चों की ऊर्जा सही दिशा में लगती है, तो उनका गुस्सा कम हो सकता है। हर दिन बच्चों के साथ एक खेल खेलें या उन्हें बाहरी एक्टिविटी में शामिल करें, जैसे पार्क में घूमना या बैडमिंटन खेलना।
धैर्य और सहानुभूति सिखाएं
बच्चे को धैर्य और सहानुभूति की भावना भी विकसित करें। जब वे दूसरों के विचारों और भावनाओं का सम्मान करेंगे, तो वे अपने गुस्से को भी बेहतर तरीके से कंट्रोल करना सीख जाएंगे। दिन के शुरुआत में बच्चे को ऐसी सिचुएशन के बारे में बताएं जिससे वह गुस्सा हो सकता है और उसे उस समय क्या करना चाहिए।
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गुस्सा बच्चों में स्वाभाविक रूप से आता है, लेकिन यदि सही तरीके से इसे संभाला जाए तो वे इसे कंट्रोल कर सकते हैं।