भले ही दुनियाभर में काेरोना के मामले कम हो गए हैं, लेकिन यह मानना गलत है कि खतरा पूरी तरह से टल चुका है। अब लॉन्ग कोविड को लेकर एक सर्वे सामने आया है, जो बच्चो को लेकर चिंता पैदा करने वाला है। लॉन्ग कोविड से बीमार होने के बाद भी बने रहते हैं या फिर धीरे-धीरे विकसित होते रहते हैं।
46 फीसदी बच्चों में पाए गए ये लक्षण
द लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो संक्रमण से ठीक होने के बाद भी 46 फीसदी बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण दिख रहे हैं। स्टडी के मुताबिक 0-14 वर्ष की आयु के 46 फीसदी बच्चों में व्यस्कों और बुजुर्गों की तरह लॉन्ग कोविड लक्षण पाए गए, जिससे ये बच्चे ठीक होने के बाद भी कम से कम दो महीने तक कोविड की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं।
11,000 बच्चों का हुआ सर्वेक्षण
अब तक, 14 साल से कम उम्र के बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षणों संबंधी का यह सबसे बड़ा अध्ययन है। बताया जा रहा है कि शोधकर्ताओं ने जनवरी 2020 और जुलाई 2021 के बीच पॉजिटिव कोविड-19 परीक्षा परिणाम के साथ 0-14 आयु वर्ग के 11,000 बच्चों के सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण किया और फिर उम्र और लिंग के आधार पर 33,000 से अधिक बच्चों का मिलान किया गया।
बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण
लंबे समय से कोविड से पीड़ित बच्चों को खड़े होने पर थकान या चक्कर आ सकते है।
डिस्सेमिया, उलटी, भूख न लगना भी इसके मुख्य लक्षण हैं।
लांग कोविड में बच्चों में सिरदर्द और ब्रेन फॉग जेसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
तेज दिल की धड़कन, सीने में दर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
3 साल तक के बच्चों में दिखे ये लक्षण
स्टडी में यह बात सामने आई कि 3 साल तक के बच्चों में मूड स्विंग्स, चकत्ते पड़ना और पेट में दर्द जैसी समस्या बनी हुई थी। वहीं, 12 से 14 साल की उम्र के बच्चे थकान, मूड स्विंग्स और ध्यान नहीं लगा पाने की समस्या से जूझ रहे थे। वैसे तो मूड स्विंग्स, थकान, सिरदर्द और पेट दर्द जैसी समस्या बच्चों में आम है। लेकिन जिन बच्चों को कोरोना नहीं हुआ, उनमें येसमस्या कुछ ही दिन के लिए रहती है, जबकि कोरोना संक्रमित हो चुके बच्चों में यह समस्या ज्यादा देर तक बनी रहती है।
महामारी ने बच्चों को किया प्रभावित
विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी ने बच्चों-किशोरों के जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है और कोविड-19 से उबरे बच्चों में पूर्व में ऐसे संक्रमण की चपेट में नहीं आए बच्चों की तुलना में लंबे समय तक कोविड-बाद के लक्षण पाए जाने की संभावना है। वहीं कोरोना से संक्रमित हुए एक तिहाई बच्चों में अब ऐसी समस्याएं भी दिख रहीं हैं, जो कोरोना के आने से पहले नहीं होती थी।