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एक्सपर्ट्स का दावा- आयुष-64 इम्युनिटी को स्ट्रांग और Corona के हल्के लक्षणों को दूर करने में है कारग

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 01 May, 2021 01:15 PM
एक्सपर्ट्स का दावा- आयुष-64 इम्युनिटी को स्ट्रांग और Corona के हल्के लक्षणों को दूर करने में है कारग

देश में आई कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है। भारत में पिछले करीब 10 दिनों से हर रोज लाखों कोरोना से संक्रमित केस सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वस्थ मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 4,01,993 नए केस सामने आए, जबकि 3523 लोगों की इस संक्रमण से मृत्यु हो गई।
 

वहीं, कोरोना के बढ़ते प्रकोर को देखते हुए लगातार हमारे देश के डाॅक्टर , वैज्ञानिक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बिमारी से निज़ात पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वहीं डाॅक्टर्स का कहना है, जिन लोगों की इम्युनिटी स्ट्रांग है उनके लिए यह बिमारी जानलेवा नहीं हैं, लेकिन जिन लोगों की इम्युनिटी वीक है उनके लिए यह महामारी बेहद घातक  है। 

 

इसी को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने भी एक दावा किया है कि आयुष क्वाथ के सेवन से लोगों की इम्युनिटी स्ट्रांग होती है। वहीं, अब आयुष-64 के बारे में भी कहा जा रहा है कि कोरोना के हल्के-फुल्के लक्षणों को कम करने में ये अत्याधिक प्रभावी है। आइए जानते इसके बारे में विस्तार से- 




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-आयुष-64 से 6 दिनों में पाॅजीटिव रिपोर्ट हुई नेगेटिव
सेंटर फॉर रियूमैटिक डिजीज़ के एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोविड-19 के हल्के और मध्यम संक्रमण को दूर करने में आयुष-64 कारगर है। तीन केंद्रों में इसका टेस्ट किया गया है। लखनऊ, वर्धा और मुंबई में 70-70 संक्रमित मरीज़ों पर इस दवा का परीक्षण किया जा चुका है।  एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन मरीजों ने आयुष-64 का सेवन किया, उनकी मात्र 6 दिनों में कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। इसके अलावा यह दवा मरीजों में चिंता, नींद, मूड, हेल्थ और थकान को बेहतर करता है।


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-ऐसे करें इस टैबलेट का इस्तेमाल
यह टैबलेट पॉली हर्बल फॉर्मूले से तैयार की गई है। इस में चिरायता, करंजलता के बीज और कुटकी जैसे  इंग्रेडिएंट शामिल है। साथ ही, इसमें सप्तप्रण की छाल भी मौजूदहै। इसे दिन में 2 गोली को गर्म पानी के साथ लें, एक्सपर्ट्स के मुताबिक,  2 से 12 हफ्तों तक इसके सेवन से परेशानियां दूर हो जाएंगी।


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-कई सालों से हो रहा हैं इस आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 1980 में इस दवा को बनाया गया था ताकि मलेरिया और चिकनगुनिया का इलाज हो सकें। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-वायरल के गुण होते हैं जो फ्लू और संक्रमण को कम करते है। इसके अलावा, विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज कंट्रोल करने में एलोपैथिक दवा के साथ लोग आयुष 64 सेवन कर सकते हैं।
 

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