आज देश भर की लड़कियां किसी से कम नहीं है, वो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही है। यहां तक की सरपंच का पद भी हासिल कर रहीं हैं, जो कि पुरुष प्रदान काम है। लेकिन अंजू तंवर ने ये कर दिखाया, उन्होंने सिर्फ 21 साल की उम्र में सरपंच बनकर एक अलग पहचान हासिल की है, जिसके बाद सोशल मीडिया के हर एक प्लेटफॉर्म पर उनकी वाहवाही हो रही है। चलिए जानते है आखिर कौन है अंजू तंवर और वो कहां की सरपंच बनी है।
कौन है अंजू तंवर?
अंजू तंवर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खुडाना गांव की रहने वाली हैं। उन्होनें अपने जिले की सबसे छोटी सरपंच बनकर एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है। यही कारण है कि उनकी कहानी से बहुत से लोग इंस्पिरेशन ले रहे हैं। खास बात ये है कि इससे पहले अंजू के परिवार से कोई भी राजनीति में नहीं हैं। बावजूद इसके उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ने का फैसला लिया और जीत भी हासिल की। परिवार वालों के साथ-साथ गांव वालों को भी अंजू से पूरी उम्मीद है। अंजू गांव के बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने जैसे कई कार्यों पर जोर देंगी। अंजू मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं और उनके पिता भी डॉक्टर हैं। आपको बता दें कति अंजू हरियाणा की सबसे छोटी उम्र की सरपंच बन गई हैं।
अंजू को मिले कितने वोट?
अंजू को कुल 1300 वोट मिले थे। वहीं उनके प्रतिद्वंदी को सिर्फ 1052 वोट मिले थे। गांव वालों का प्यार देख अंजू को बहुत खुशी मिली। बदले में उन्होंने भी गांव वालों को विश्वास पर खरे उतरने का वादा किया है।
इन कामों पर जोर देंगी सरपंच अंजू शर्मा
अंजू ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि गांव में पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए काम करने की जरुरत है इसलिए मैं पढ़ाई और सेंटर बनवाने पर जोर दूंगी। इसके साथ-साथ उन्होनें गांव की सड़कों को भी बेहतर बनाने का विषय रखा।
अंजू शर्मा की ये कामयाबी की कहानी हमें ये बताती है कि जहां चाह है वहां पर राह है, अगर ठान लिया है तो कुछ भी मुश्किल नहीं है।