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दिन में गृहस्थी, रात में पढ़ाई...37 साल बाद इस मां ने चुपके से पास कर ली 10वीं

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 23 Jun, 2022 12:43 PM
दिन में गृहस्थी, रात में पढ़ाई...37 साल बाद इस मां ने चुपके से पास कर ली 10वीं

अकसर महिलाएं मान बैठती हैं कि शादी और बच्चों की जिम्मेदारियों के बीच वह पढ़ाई का सोच भी नहीं सकती। इस सोच को बदलने का काम किया है महाराष्ट्र की कल्पना ने, जिन्होंने 53 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा दी और 79.60 फीसदी अंकों से पास भी हुई। दिलचस्प बात यह है कि उनके परिवार को इस बात की भनक तक नहीं लगी। 

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कल्पना अच्युत की यह कहानी अब उनके बेटे ने ही सोशल मीडिया पर शेयर की है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रसाद ने बताया कि- कैसे 37 वर्षों बाद उनकी मां ने फिर से स्कूल में पढ़ना शुरू किया और वो इसमें पास भी हो गई। उन्होंने लिखा- वे जब इंडिया आए तो वो यह देखकर हैरान रह गए कि उनकी मां इंग्लिश लिख रही है। उन्होंने बताया कि उनकी मां का दिन ही पढ़ाई से शुरू होता था।

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कल्पना के बेटे ने अपने पोस्ट में बताया कि- उनकी मां ने इस स्कूल में 2021 में दाखिला लिया था, पर उन्होंने इसके बारे में किसी के साथ जिक्र तक नहीं किया।  घर में मां के साथ छोटा भाई और पिता भी रहते हैं। एक ही छत के नीचे रहने के बावजूद उन दोनों को भनक तक नहीं लगने दी। टहलने का बहाना कर वो नाइट स्कूल जाया करती थी। 

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प्रसाद ने आगे बताया कि- उनकी मां सिर्फ पास ही नहीं हुई, बल्कि उनके नंबर भी काफी अच्छे आए। उन्होंने 79.60% अंक प्राप्त किए। बेटे ने अपनी मां का रिपोर्ट कार्ड भी शेयर किया है। उन्होंने अपनी मां पर गर्व करते हुए लिखा- वह मल्टी टास्किंग हैं। उनकी दसवीं की परीक्षा मार्च में थी, जबकि फरवरी में मेरी शादी थी, जिसके कारण घर में सब व्यस्त थे लेकिन उन्होंने इन तमाम कामों को निपटाने के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखा और परीक्षा दी। 

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प्रसाद से लिखा कि मुझे उऩ्होंने अपनी कॉपी दिखाई, मैं गर्व से भर उठा कि मेरी मां गणित में कितनी अच्छी है। कल्पना के बेटे ने भावुक होते हुए लिखा- मैं बड़ा ही खुशकिस्मत हूं,  मां ने दिखा दिया कि लाइफ में कोई काम कभी भी करो, बस करो... तो उसे पूरा करो और पूरे दिल से करो।  उनकी मां ने अपने बेटे को उन लोगों की फोटोज भी दिखाई थी जो हालातों के कारण कभी पढ़ाई नहीं कर पाए थे, लेकिन अब फिर से पढ़ाई कर रहे थे। कल्पना अच्युत की कहानी  लोगों को हार ना मानने की प्रेरणा देती है। 


 

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