भगवान गणेश का जन्ममोत्सव 22 अगस्त से शुरु होने जा रहा है, जो 10 दिन तक चलेगा। किसी भी शुभ कार्य करने से पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है फिर चाहे बात शादी से जुड़े कार्य की क्यों ना हो लेकिन एक समय भगवान गणेश खुद शादी में अड़चनें डालने लग गए थे। चलिए आज हम आपको भगवान गणेश के विवाह से जुड़ी रोचक कहानी बताते हैं...
ब्रह्मचारी रहना चाहते थे भगवान गणेश
कथाओं के अनुसार, भगवान बप्पा एक बार तपस्या में लीन थे। तभी वहां से तुलसी गुजरी और उनपर मोहित हो गई। उन्होंने भगवान गणेश के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा लेकिन अपने मोटापे के कारण बप्पा ने खुद को ब्रह्मचारी बताकर मना कर दिया। तब देवी तुलसी नाराज हो गई और भगवान गणेश को 2 शादियों का श्राप दे दिया। यही वजह है कि भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल वर्जित है।
जब विघ्नहर्ता ही डालने लग थे विवाह में अड़चनें
अन्य एक कथा के मुताबिक, हाथी जैसे मुंह और मोटे पेट से परेशान बप्पा दूसरों की शादी में अड़चनें डालने लग गए थे। उनका कहना था यदि मेरा विवाह नहीं हुआ तो किसी का नहीं होगा। तब भगवान गणेश और उनके प्रिय वाहक मूशक राज दूसरों की शादियों में अड़चने पैदा करने लगे।
रिद्धि-सिद्धि ने भटकाया ध्यान
देवातागण भगवान गणेश के इस व्यवहार से परेशान होकर ब्रह्माजी के पास गए। तब ब्रह्माजी अपनी 2 मानस पुत्रियां रिद्धि-सिद्धि को लेकर बप्पा के पास पहुंचे और भगवान गणेश को उन्हें शिक्षा देने के लिए कहा। जब भी भगवान गणेश को शादी की कोई खबर पहुंचती तो रिद्धि-सिद्धि उनका ध्यान भटकाकर दूसरे कामों में लगा देती थी, ताकि शादी का कार्य पूरा हो जाए।
ऐसे विवाह बंधन में बंधे ब्रह्मचारी भगवान गणेश
जब रिद्धि-सिद्धि के कारण बिना किसी अड़चन विवाह संपन्न हो गया तो भगवान गणेश क्रोधित हो उठे। तभी उनके गुस्से को शांत करने के लिए ब्रह्माजी ने भगवान गणेश के समस्त रिद्धि-सिद्धि से विवाह का प्रस्ताव रखा। तब भगवान गणेश भी रिद्धि-सिद्धि संग विवाह करने के लिए मान गए। इसके बाद उनका विवाह धूम-धाम से संपन्न किया गया।