जहां कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचाया हुआ वहीं इस बीच एक और बुरी खबर सामने आ रही है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि कोरोना के बाद अमेरिका पर एक ओर परेशानी दस्तक दे सकती है। कोरोना संकट के बीच अमेरिका पर कुदरत के एक और कहर का डर बढ़ता जा रहा है।
अमेरिका पर मंडरा रहा एक और खतरा
दरअसल, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस साल के तूफान का मौसम सामान्य से अधिक सक्रिय है, जिसकी वजह से अमेरिका के समुद्र तट पर बड़े तूफान की संभावना है। वैसे अटलांटिक तूफान का मौसम 1 जून से 30 नवंबर तक होता है लेकिन इस बार यह तूफान जल्दी आ सकता है। इसकी वजह से अटलांटिक तट पर हर राज्य और क्षेत्र असुरक्षित है।
समय से पहले आ रहा है तूफान
यह तूफान 6 हफ्ते के अंदर अमेरिका में कहर बरपा सकता है। इस दौरान कोरोना का संकट भी जारी रहेगा। बता दें कि 5 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब अटलांटिक तूफान अपने निर्धारित समय से पहले आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये दूसरा सबसे शक्तिशाली तूफान होगा।
क्या है अटलांटिक तूफान?
वैज्ञानिकों के अनुसार, अटलांटिक चक्रवात एक तूफान है जो एक विशाल निम्न दबाव केंद्र और भारी तड़ित-झंझावातों के कारण होता है। इसमें तेज हवाएं और भारी बारिश होती है, जिससे जान-माल का खतरा हो सकता है।
तबाही मचा सकता है तूफान
प्रशासन ने यह सकेंत दिए है कि कोरोना का कहर इस तूफान में भी जारी रहेगा। इस स्थिति के लिए आपातकालीन प्रबंधकों और जनता से एक नयी तरह की योजना की आवश्यकता है। अगर अमेरिकी सरकार ने सही कदम नहीं उठाए और सही फैसले नहीं लिए तो मुसीबत बहुत बड़ी हो सकती है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है।
ये तूफान भी मचाएंगे तबाही
रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से 30 नवंबर के बीच अमेरिका में 18 बड़े तूफान आएंगे। इनमें से 9 हरिकेन होंगे। वहीं, USNOAA के मुताबिक इस साल इन छह महीनों में 12 तूफान आएंगे, जिनमें से 6 हरिकेन होंगे। इनमें से 4 हरिकेन भयानक होंगे, जिसकी रफ्तार 178 किलोमीटर प्रतिघंटा से कहीं ज्यादा अधिक होगी।
इसलिए जल्दी आ सकता है तूफान
प्राकृतिक के इस बदलाव का कारण बदलता तापमान बताया जा रहा है। दरअसल, महासागर में बढ़ती गर्मी हवा की नमी के साथ मिलकर तूफान का कारण बन सकता है। अटलांटिक महासागर की गर्मी की वजह से हरिकेन और तूफानों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है।