आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ संपन्न हो गया।
हजारों महिला और पुरुष व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।
तड़के से ही श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद ही व्रतधारियों ने अन्न ग्रहण किया।
लोक मान्यता है कि देव छठ व्रत करने तथा पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामनाएं पूरी होती हैं
पूरे धार्मिक विधि विधान से लोगों ने पूजा-अर्चना कर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और अपने परिवार की सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
शुक्रवार सुबह भक्तगण सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा का समापन कर अपने घर लौट गए।
अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से परे, छठ पूजा एक पारिस्थितिक संदेश भी देती है।