भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र मास चल रहा है। इस दौरान शिव भक्त भक्ति की लहर में डूबो होते हैं।
इसके साथ ही बहुत से श्रद्धालु शिव मंदिरों में माथा टेकने जाते हैं। भगवान शिव के कई मंदिर ऐसे जो विशेष महत्व व रहस्य रखते हैं।
ऐसा ही एक शिव मंदिर माउंट आबू (राजस्थान) से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में अचलगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित अचलेश्वर मंदिर है।
माना जाता है कि यहां पर शिव जी के दाहिने पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। चलिए आज हम आपको इसके पीछे का रहस्य बताते हैं...
धार्मिक कथाओं के अनुसार, एक समय अर्बुद पर्वत पर स्थित नंदीवर्धन हिलने लगा था।
इसके कारण हिमालय पर तपस्या कर रहे भोलेनाथ की तपस्या में विघ्न पड़ने लगा। इस पहाड़ पर शिव जी की प्यारी गाय नंदी थी।
फिर उसे बचाने के लिए भोलेनाथ ने हिमालय से ही अंगूठा फैलाकर अर्बुद पर्वत को हिलने से रोक दिया था। कहा जाता है कि भगवान शिव के अंगूठे के निशान आज भी वहां पर दिखाई देते हैं।