22 DECSUNDAY2024 9:27:41 PM
Nari

पुराने संसद भवन को अलविदा कहते समय भावुक हुई सभी महिला सांसद, नोट में लिखी अपने दिल की बात

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 19 Sep, 2023 04:56 PM
पुराने संसद भवन को अलविदा कहते समय भावुक हुई सभी महिला सांसद, नोट में लिखी अपने दिल की बात

संसद मंगलवार को नए भवन में स्थानांतरित हो गयी वहीं इससे पहले 10 महिला सांसदों ने पुराने संसद भवन को विदाई देने के लिए ऐतिहासिक इमारत की अपनी यादें, संदेश और अनुभव साझा किए हैं। विभिन्न दलों की महिला सांसदों ने भारत की लोकतांत्रिक यात्रा के साक्षी रहे पुराने संसद भवन को विदाई देते हुए भावुक संदेश लिखे हैं। 

PunjabKesari
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने ‘नोट' में पुरानी संसद भवन के विभिन्न हॉल की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। उन्होंने कहा-‘‘2006 में एक विस्मित दर्शक से लेकर 2009 में पहली बार की सांसद, फिर 2019 में पहली बार मंत्री बनने तक लोकतंत्र के इस मंदिर में इन 144 स्तंभों ने मेरे लिए ढेर सारी यादें संजोकर रखी है।'' बादल ने कहा- ‘‘इतिहास और हजारों भारतीय कलाकारों, मूर्तिकारों और मजदूरों की हस्तकला से सुसज्जित यह खूबसूरत इमारत गहन शिक्षा और अत्यधिक संतुष्टि का स्थान रही है। सेंट्रल हॉल, जहां मित्रता बनी, सभी यादें को जीवनभर संजोकर रखा जाएगा।'' 

PunjabKesari

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की संसद सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने नोट में ऐसी ही यादों को बयां करते हुए कहा- ‘‘यादें, सीखना, नीति निर्माण, मित्रता। इतिहास और चमत्कार की इस सुंदरता ने गहन चर्चा, व्यवधान, दिग्गज नेताओं और इतिहास निर्माताओं को देखा है।'' उन्होंने कहा- ‘‘संसद ने आत्मविश्वास से भरे एक राष्ट्र के रूप में हमारी 75 साल की यात्रा को आकार दिया है। इस यात्रा का हिस्सा बनकर गर्व है और आशा है कि इस संसद भवन का सार नए भवन में बना रहेगा। मेरे राष्ट्र को सदैव कृतज्ञतापूर्वक शुभकमानाएं।''

PunjabKesari
 केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की सांसद अनुप्रिया पटेल ने संसद भवन में पहली बार प्रवेश करने के क्षणों को याद किया। उन्होंने अपने नोट में कहा- ‘‘उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से 2014 (16वीं लोकसभा) में पहला संसदीय चुनाव जीतने पर संसद भवन के पवित्र परिसर में प्रवेश करना मेरे लिए भावुक और विनम्र क्षण था। मैं गहरायी से महसूस कर सकती थी कि मैं एक ऐतिहासिक इमारत में प्रवेश कर रही हूं जिसने भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी हासिल करते हुए, हमारा संविधान बनाते हुए तथा देश के लोकतांत्रिक संस्थाओं के विकास और उन्हें मजबूत होते हुए देखा।'' 

PunjabKesari
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद पूनम महाजन ने काव्यात्मक ढंग से अपने विचार साझा करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की इन पंक्तियों को उद्धृत किया, ‘‘अंतिम जय का व्रज बनाने, नव दधीचि हड्डियां गलाएं। आओ फिर से दीया जलाएं।'' 

PunjabKesari
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने कहा कि इस इमारत की उनके दिल में हमेशा खास जगह रहेगी। उन्होंने कहा- ‘‘यह इमारत यह वह सदन है, जहां पहली बार सांसद के रूप में मैं गयीं। लेकिन यह घर बन गया। किसी के भी पहले घर की तरह इस इमारत की मेरी दिल में हमेशा एक खास जगह रहेगी। इस महान भवन ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को गले लगाया है। और इसके सुरक्षा कवच में हमें हमारा छोटा-सा कोना तलाशने में मदद की।'' उन्होंने कहा, ‘‘इमारत बदल सकती है लेकिन इसका प्रतीकवाद - एक स्वतंत्र देश के स्वतंत्र रूप से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए एक मुक्त स्थान है जिसे अक्षुण्ण बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।''

PunjabKesari
 केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने अपने ‘नोट' में कहा- ‘‘शुभकामनाएं।'' 

PunjabKesari
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने अपने नोट में कहा- ‘‘मुझे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा बनने और उस पुराने खूबसूरत संसद भवन में आयोजित सत्रों में भाग लेने का अवसर प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र और बारामती के लोगों का धन्यवाद, जो उन नेताओं की आवाज को प्रतिबिंबित करता है, जिन्होंने हमारे सुंदर देश के विकास में योगदान दिया।'' कांग्रेस सांसद राम्या हरिदास ने पुरानी इमारत के महत्व को याद किया और इसे ‘‘लोकतंत्र का महल'' और ‘‘मजबूत निर्णयों का जन्म स्थान'' बताया। उन्होंने इसकी ऐतिहासिक महत्ता और सदाबहार यादों का उल्लेख किया। 

PunjabKesari

अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा- ‘‘पहली बार जब मैंने संसद में प्रवेश किया, वह मेरे लिए यादगार क्षण है। आप, मैं, संसद की यह पीढ़ी आगे न जाने कहां होगी। पिछले दस वर्ष संसद में मैंने बहुत सी चीजें सीखीं। इस संसद के साथ शानदार यादें जुड़ी हैं।'' 

PunjabKesari

राज्यसभा सदस्य और महान धावक पीटी ऊषा ने पुराने संसद भवन को लेकर अपनी अनूठी यादें साझा कीं। उन्होंने अपने ‘नोट' में कहा- ‘‘1986 में सियोल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद एक दर्शक के रूप में मैंने पहली बार इस खूबसूरत संसद भवन की यात्रा की थी। वह समय आज भी याद है कि सभी माननीय सांसदों ने मुझे बधाई और शुभकामनाएं दी थीं। उसके बाद भी मैं किसी विशेष उद्देश्य से दो या तीन बार गई। लेकिन 27 जुलाई 2022 का दिन मेरे लिए बहुत खास था।'' उन्होंने कहा- ‘‘जीवन में पहली बार मैंने जब राज्यसभा में कदम रखा, सीढ़ियों को प्रणाम किया और हरि ओम का उच्चारण किया। मैंने देखा कि इस प्रतिष्ठित सदन के सभी सम्मानित सदस्य मुझे बधाई और शुभकामनाएं देने आए। मुझे एक अच्छे सांसद की तरह कैसा व्यवहार करना है, सत्र दर सत्र यह सिखाने में उनका बहुत सहयोगात्मक व्यवहार रहा। वे हमेशा मेरे प्रति अपना प्यार और स्नेह दिखाते हैं और मुझसे मेरे परिवार, उपलब्धियों आदि के बारे में पूछते हैं।''

Related News