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नवजात के पेट में क्यों होता है दर्द, नई माओं के लिए जरूरी जानकारी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 28 Dec, 2022 06:04 PM
नवजात के पेट में क्यों होता है दर्द, नई माओं के लिए जरूरी जानकारी

प्रैग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिला के लिए अगली ड्यूटी नवजात को पालने की होती है। नई मांओं के लिए नवजात को पालने के पहले 6 महीने मुश्किल भरे हो सकते हैं क्योंकि इस दौरान नवजात शिशु को होने वाली प्रॉब्लम्स के बारे में कई बार नई मांओं को पता नहीं चलता क्योंकि बच्चा बोल नहीं सकता और वह रोकर ही अपने भावों को व्यक्त करता है। नवजात को होने वाली सेहत संबंधी दिक्कत में मुख्य पेट दर्द ही है क्योंकि नवजात श‍िशु का पाचन तंत्र इतना मजबूत नहीं होता है ज‍िसके चलते उन्‍हें आए द‍िन पेट में दर्द की समस्‍या होती है।

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1.  अगर श‍िशु रो रहा है या पैर को धनुष के आकार में मोड़ रहा है

2. हर समय गुमसुम रहे या दोपहर के बाद शाम के समय ज्यादा रोए तो आप समझ जाएं क‍ि उसके पेट में मरोड़ या दर्द हो रहा है।

अब आपको बताते हैं पेट में मरोड़ होने के कारण और दूर करने के उपायों के बारे में...

स्तनपान करवाने के बाद बच्चे को डकार ना दिलवाने से शिशु को पेट में गैस हो सकती है जिससे उसे दर्द होता है और वह रोने लगता है।

अगर बच्चा लंबे समय से भूखा है तो भी उसके पेट में मरोड़ की समस्‍या हो सकती है।

अगर श‍िशु को ज्‍यादा दूध प‍िला देंगे तो भी श‍िशु के पेट मरोड़ की समस्‍या हो सकती है क्योंकि शिशु को दूध हजम नहीं हो पाता।

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पेट के मरोड़ से बच्चे को राहत कैसे दें?


अकसर परिवार की बुजुर्ग महिलाएं नवजात शिशु के पेट दर्द को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताती है इन्हें फॉलो किया जा सकता है। जैसेः

1. हींग का लेप

शिशु की गर्भनाल जब पूरी तरह हट जाती है और वह पेट दर्द से रो रहा है तो हल्का गर्म करके हींग का लेप किया जा सकता है। इसके लिए एक चम्मच गुनगुने पानी में पीसी हुई हींग को घोलकर उसका लेप लगाया जा सकता है।

2. अजवाइन की सिंकाई

अजवाइन को तवे पर भूनकर गरम करें और उसकी पोटली बनाकर बच्चे के पेट पर स‍िंकाई करें।

3. सरसों के तेल से माल‍िश

हल्‍के हाथ से सरसों के तेल से पेट की माल‍िश करनी चाह‍िए। दिन में दो बार आप ऐसा कर सकते हैं।

4. श‍िशु को साइक‍िल‍िंंग मोशन में घुमाएं

नवजात को साइक‍िल‍िंग मोशन में घुमाना चाह‍िए। इससे पेट से गैस न‍िकल जाएगी। साइक‍िलिंंग मोशन में घुमाने का मतलब है बच्‍चे के दोनों पैरों को हल्‍के हाथ से पकड़ें और कोमलता के साथ बच्‍चे के पैर ऐसे घुमाएं जैसे वो साइक‍िल चला रहा हो। इससे बच्चे को कब्ज भी नहीं होगी।

5. स्तनपान करवाने वाली मां को अजवाइन और सौंफ का पानी भी पीने को दें। इससे नवजात की पाचन शक्ति ठीक होती है। बच्चे को कंधे से लगाकर डकार दिलवाने की कोशिश करें। गोद में उल्टा लिटाकर हल्के हाथ से उसकी पीठ थपथपाएं। बच्चे को सीमित मात्रा में ही दूध पिलाएं। बता दें कि बच्चे के पेट दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं अगर पेट दर्द इन नुस्खों से भी सही नहीं हुआ तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

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पेट दर्द में शिशु को कब डाक्टर के पास ले जाएं?

शिशु को जल्द आराम न मिले तो आपको उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। आगे बताएं लक्षण भी दिखें तो भी गौर करें
-अगर शिशु के मल और उल्टी में खून आने लगे।
-बच्चे को सोने और दूध पीने में परेशानी हो।
-शिशु को दस्त और बुखार हो।
-दूध हजम ना हो।
-बच्चे को सर्दी जुकाम हो गया हो तो क्योंकि फ्लू होने पर भी शिशु को पेट दर्द होने लगता है। कई बार शिशु के श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से में ज्यादा बलगम बनने लगता है, जो शिशु के गले से पेट में जाकर उसके पेट को खराब कर सकता है।ऐसे में संक्रमण के आधार पर ही उसका इलाज किया जाता है। ऐसे में आप अपने डॉक्टर से बात करें।
 

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