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जन्म लेते ही शिशु का रोना क्यों जरुरी?

  • Edited By Harpreet,
  • Updated: 16 Mar, 2020 11:32 AM
जन्म लेते ही शिशु का रोना क्यों जरुरी?

दुनिया में आते ही छोटे शिशु का पहला काम रोना होता है। असल में बच्चे का रोना उसके ठीक होने की तरफ ईशारा करता है। मगर कई बार कुछ बच्चे जन्म के एक दम बाद नहीं रोते, जो एक हद तक सामान्य भी है। बच्चे का जन्म लेने के बाद रोना बहुत कितना जरुरी है, इस बारे में तो हर माता-पिता वाकिफ हैं हीं, मगर क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा हर 24 घंटे में भी बच्चे का रोना कितना जरुरी है? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...

जन्म के बाद बच्चे का रोना क्यों जरुरी?

9 महीने मां की कोख में रहने के बाद जब बच्चा इस दुनिया में अपना पहला कदम रखता है तो उसका रोना जायज है। आसान शब्दों में बच्चे का रोना उसकी अच्छी सेहत की तरफ ईशारा करता है। ईश्वर ने इंसान को लेकर कई तरह के नियम बनाए हुए हैं, उन्हीं में से एक नियम है बच्चे का रोना। जब बच्चा जन्म लेने के बाद रोता है तो इसका मतलब उसके फेफड़े और हार्ट ठीक ढंग से काम कर रहे हैं। अगर बच्चा बहुत ज्यादा जोर से रोए तो इसका मतलब बच्चे का पूरा शरीर ठीक है। यदि बच्चा धीरे रोता है तो हो सकता है उसे कुछ हेल्थ प्रॉबल्मस हों। ऐसे में डॉक्टर बच्चे का रोना देखकर उसके कुछ टेस्ट करवाते हैं, जिससे बच्चे की हेल्थ प्रॉबल्म के बारे में पता चल जाता है।

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रोने की वजह

पेट में पल रहा बच्चा गर्भनाल के जरिए सांस लेता है। मगर जैसे ही वह मां की कोख से बाहर आता है, उसे खुद सांस लेनी पड़ती है। जब बच्चा खुद से सांस लेता है तो उसकी नाक में फंसा तरल पदार्थ बाहर निकलता है। जिस वजह से बच्चे को थोड़ी सी तकलीफ होती है। अगर बच्चा रोकर इस सारे पदार्थ को बाहर न निकाल पाए तो डॉक्टर ट्यूब के जरिए बच्चे का नाक वाला रास्ता साफ करते हैं।

कितना रोना जरुरी?

जन्म के वक्त बच्चे का रोना जरुरी है, मगर उसके बाद भी अगर बच्चा पूरे 24 घंटे में दिन में 2 से 3 घंटे नहीं रोता तो परेशानी वाली बात हो सकती है। वहीं अगर बच्चा 3 घंटे से ज्यादा रोए तब भी आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में बात जरुर करनी चाहिए। कई बार किसी हेल्थ प्रॉबल्म की वजह से बच्चा ज्यादा रोता है। ऐसे में बच्चे का एक बार चेकअप जरुरी है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे उसका रोना सामान्य हो ही जाता है।

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कब-कब रोना चाहिए?

अब अगर दिन में 3 घंटे बच्चे के लिए रोना जरुरी है तो इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा जब मर्जी रोए। बच्चा जब भूखा हो तो सबसे ज्यादा तब रोता है। इसका मतलब उसे भूख लगी है। मां का दूध पीने के बाद भी अगर बच्चा रोता रहे या फिर दूध पिएं न तब भी डॉक्टर के पास जल्द जाना बनता है।

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तो ये थी नवजात शिशु से जुड़ी कुछ खास बातें, जिन्हें एक मां-बाप को जरुर पता होना चाहिए। 

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