22 DECSUNDAY2024 10:07:49 PM
Nari

Olympic में प्यार चढ़ेगा परवान... पेरिस में आखिर क्यों खिलाड़ियों को दे रहे  कंडोम और लव किट ?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 27 Jul, 2024 07:31 PM
Olympic में प्यार चढ़ेगा परवान... पेरिस में आखिर क्यों खिलाड़ियों को दे रहे  कंडोम और लव किट ?

 फैशन की राजधानी माने जाने वाले  जगमगाते शहर में खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में दुनिया भर के 10500 से अधिक खिलाड़ी पदकों के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। 100 साल बाद पेरिस में चल रहा ओलंपिक खेल हर मायने में अनूठे, अपारंपरिक और अप्रतिम है। एक ओर एफिलटावर जैसी शहर की कई मशहूर जगहों के इर्द गिर्द तस्वीरें खिंचवाने की होड़ दिख रही है  तो दूसरी तरफ मैदान पर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में वर्चस्व की होड़ लगी हुई है। पर इसी बीच एक चीज को लेकर खूब विवाद भी हो रहा है। 
PunjabKesari

दरअसल  200 से अधिक देश के खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।  200 से अधिक देश के खिलाड़ी पेरिस ओलिंपिक के खेल गांव में एक साथ समय बिताएंगा, ऐसे में यहां खाना- पीने और बाकी चीजों के साथ कंडोम भी बांटे जा रहे हैं। खबरों की मानें तो करीब 2 लाख से अधिक कंडोम एथलीटों को बांटे जाएंगे। हर एथलीट को लगभग 14 कंडोम दिया जाएगा।

PunjabKesari
ओलंपिक विलेज मानों कंडोम का मार्केट बन चुका है। सिर्फ इतना ही नहीं यहां तो  इंटीमेसी से जुड़ी चीजें भी दी जा रहीं हैं। बताया जा रहा है कि  गेम्स खत्म होने के बाद खिलाड़ी लाइफ इंजॉय करेंगे, ऐसे में उनका पहले ही ख्याल रखा जा रहा है। पेरिस ओलिंपिक के खेल गांव में एथलीटों के लिए खास तरह के बेड को तैयार किया गया है। इस तरह का बेड सिर्फ एथलीटों के लिए सोने तक के लिए होगा। यानी सिर्फ एक ही लोग उस बेड पर सो पाएंगे। 

PunjabKesari

इन सब पर ध्यान देते- देते खाने पर कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है।  खबरें हैं कि भारत के कुछ प्लेयर्स भूखे-प्यासे रहने पर मजबूर हैं।  इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय एथलीट खाने की सुविधा से असंतुष्ट हैं. खाने के एरिया में ग्लोबल क्विजीन, हलाल फूड, एशियाई मील और फ्रेंच फूड जैसी चीजें ज्यादा है। 

PunjabKesari

पेरिस ने ठीक 100 साल पहले अपने पिछले ओलंपिक की मेजबानी की थी। उस समय उसका वैश्विक खेल आयोजित करने का विचार काफी हद तक शांति को बढ़ावा देने और दुनिया को एकजुट करने का था। सौ साल के बाद भी यह विचार कमोबेश कायम है लेकिन अब खेलों में उत्कृष्टता का महत्व अधिक हो गया है। खेलों को अब दुनिया में ‘सॉफ्ट पावर' की तरह माना जाता है और जिस पर देश गर्व करना और दिखावा करना पसंद करते हैं।   

PunjabKesari
  आम तौर पर ओलंपिक जैसे आयोजन के लिए नये खेल स्थलों का निर्माण होता है लेकिन पेरिस इस मामले में अनूठा है क्योंकि यह शहर खुद ही आयोजन स्थल बन गया है। इन खेलों का 95 प्रतिशत आयोजन पुराने या अस्थायी स्थल पर होगा। इन खेलों के लिए नए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर पैसा खर्च करने के बजाय, बजट का उपयोग मौजूदा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और शहर की प्रसिद्ध जगहों के आसपास अस्थायी स्थल का निर्माण करने के लिए किया गया जो प्रभावशाली पृष्ठभूमि के रूप में काम करेंगे। 

Related News